‘ब्लूटूथ लगा कर चीटिंग कर रही थीं छात्राएं, टीचर ने बोला 'कान दिखाओ' तो हिजाबी लड़कियों ने बना दिया मजहब का मुद्दा
‘ब्लूटूथ लगा कर चीटिंग कर रही थीं छात्राएं, टीचर ने बोला 'कान दिखाओ' तो हिजाबी लड़कियों ने बना दिया मजहब का मुद्दा
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मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर मौजूद महंत दर्शन दास महिला कॉलेज में रविवार (16 अक्टूबर 2022) को हिजाब को लेकर हंगामा मचा था। यहाँ कुछ लड़कियों ने कॉलेज के अध्यापक पर हिजाब निकालने के लिए बोलने एवं आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। हालाँकि, अब इस मामले में, कॉलेज की ही एक लड़की ने कहा है कि अध्यापक ने ऐसा कुछ नहीं कहा है इस मामले को जबरदस्ती मजहब से जोड़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कॉलेज की एक लड़की ने बोला है कि वह उसी क्लास रूम में थी जहाँ लड़कियों ने हिजाब को लेकर हंगामा किया था। छात्रा ने कहा है कि लोग इयर पॉड्स (ब्लूटूथ) लगाकर चीटिंग करते हैं। इसलिए, कॉलेज के अध्यापक ने हिजाब लगाई हुई छात्राओं को केवल कान खुले रखने के लिए बोला था। तत्पश्चात, उन लड़कियों ने अपने मजहब का हवाला देते हुए हंगामा करना आरम्भ कर दिया था।

इसके साथ ही, लड़की ने हिजाब पर सवाल उठाते हुए कहा है कि परीक्षा के वक़्त तो इन लोगों को अचानक से अपना मजहब याद जाता है। मगर, जब ये लोग किसी फंक्शन में जाती हैं तो उस समय उनका दुपट्टा (हिजाब) कहाँ जाता है? इस कारण ही सवाल इन लोगों पर कम और इनके धर्म पर अधिक उठाया जाता है। बता दें, मुजफ्फरनगर के महंत दर्शन दास महिला (MDDM) कॉलेज की छात्राओं की परीक्षा चल रही थी। इस के चलते कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर बैठी हुईं थीं। एक अध्यापक को छात्राओं के ब्लूटूथ लगाए होने का शक हुआ तथा उन्होंने लड़कियों से कान दिखाने के लिए बोला। इस पर छात्राएँ भड़क गईं तथा कॉलेज में ही हंगामा करने लगीं।

छात्राओं ने आरोप लगाया था कि परीक्षा के समय अध्यापक शशिभूषण ने छात्राओं से पहले तो हिजाब निकालने के लिए बोला। आरोप था कि इसके बाद उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देशद्रोही बोला। लड़कियों ने आरोप लगाया है कि अध्यापक ने उनसे बोला है कि रहते यहाँ हो और गाते वहाँ की हो। पाकिस्तान ही चले जाओ। इस मामले में, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. कनुप्रिया ने बताया कि छात्राओं की यह हरकत यहाँ का माहौल बिगाड़ने का एक षड्यंत्र है। इस कॉलेज का इतिहास बहुत पुराना है। ये छात्राएँ इंटर की हैं। सभी लोगों को मोबाइल हटाने तथा ब्लूटूथ हटाने को बोला गया था। मगर इन लोगों ने इसे एक अलग ही मामला बना लिया तथा इसे मजहब से जोड़कर बवाल करने लगीं। उन्होंने यह भी कहा है कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है। इन छात्राओं की उपस्थिति भी 75 प्रतिशत से कम है। अब तो शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का भी निर्देश है कि कम अटेंडेंस पर्सेंट वाली लड़कियों को फाइनल एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग बिना कारण का दबाव बना रहे हैं, जिससे कॉलेज प्रशासन इनके सामने झुक जाए। साथ ही कहा कि हिजाब की कोई बात नहीं थी, ये जिस अध्यापक पर आरोप लगा रही हैं, उन्होंने देशद्रोही एवं पाकिस्तान जाने जैसी कोई बात नहीं कही थी। ये लोग मनगढ़ंत बातें बनाकर बिना कारण मामले को तूल दे रही हैं।

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