काबुल में बढ़ा आतंकियों का खौफ, गुरुद्वारे पर आइएस का असर दिखाने के लिए किया गया हमला
काबुल में बढ़ा आतंकियों का खौफ, गुरुद्वारे पर आइएस का असर दिखाने के लिए किया गया हमला
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काबुल: दिनों दिन बढ़ती जा रही जुर्म और घटनाओं की वारदात अब थमने का ना नहीं ले रही है. हर दिन दुनियाभर में कोई न कोई ऐसा नया मामला सामने आ ही जाता है. जो इंसान को अंदर तक हिला देता है. वहीं हर दिन कोई न कोई किसी जुर्म या हादसे का शिकार होकर अपनी जान गवा देता है. जिसके कारण आस पास में रहने वाले सैकड़ों लोगों में इस बात को लेकर डर और दहशत बढ़ती ही जा रही है. वहीं हाल ही में काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मालावी अब्दुल्ला अका असलम फारूकी से सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ चल रही है. पता चला है कि बिखर रहे IS संगठन को फिर से एकजुट करने और हौसला बढ़ाने के लिए गुरुद्वारे पर हमले की वारदात को अंजाम दिया गया. फारूकी को शनिवार को अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. वह इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रांत (ISKP) का अमीर (प्रमुख) है. 25 मार्च को गुरुद्वारा पर हुए हमले में एक भारतीय नागरिक समेत 27 लोग मारे गए थे.

फारूकी और 19 अन्‍य लोगों को गिरफ्तार किया गया: अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (NDS) के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार फारूकी को 19 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आतंकियों में मसाउद्दौला, खान मुहम्मद, सलमान और अली मुहम्मद भी शामिल हैं. ये सभी पाकिस्तानी नागरिक हैं. फारूकी ने पूछताछ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से अपने रिश्ते की बात कुबूल की है. संकेत यह भी हैं कि गुरुद्वारे पर हमले के लिए उसे ISI से हरी झंडी मिली थी. विदित हो कि IS के खिलाफ कार्रवाई में अफगान सुरक्षा बलों के अलावा तालिबान भी लगा हुआ है. क्योंकि IS अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए तालिबान के हितों पर चोट कर रहा है. 2015 से अफगानिस्तान में ऑपरेशन शुरू करने के बाद IS ने तेजी से अपने पांव पसारे. जब तालिबान को उसके खतरे का एहसास हुआ तो उसने जवाबी कार्रवाई में IS आतंकियों को मारना शुरू किया.

कई संगठन बदल चुका है फारूकी: पाकिस्तानी नागरिक फारूकी इससे पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था. इसके बाद वह तहरीक-ए-तालिबान से जुड़ा. इसके बाद वह आतंकी संगठन IS से जुड़ा और अप्रैल 2019 में उसे मालावी जिया उल हक अका अबू उमर खोरसानी के स्थान पर ISKP का प्रमुख नियुक्त किया गया. फारूकी मामजई आदिवासी समुदाय का है और पाकिस्तान में अफगानिस्तान सीमा के नजदीक उसका गांव है.

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