मस्जिद से निकलते ही ब्लास्ट में मारा गया वो खूंखार आतंकी ? जिसे राहुल गांधी ने कहा था 'मसूद अज़हर जी'
मस्जिद से निकलते ही ब्लास्ट में मारा गया वो खूंखार आतंकी ? जिसे राहुल गांधी ने कहा था 'मसूद अज़हर जी'
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इस्लामाबाद: कुख्यात इस्लामी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर के एक बम विस्फोट में मारे जाने की खबर सामने आ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सुबह करीब 5 बजे हुई, जब अज़हर भावलपुर में एक मस्जिद से लौट रहा था। हालाँकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि विस्फोट में लगी चोटों के कारण आतंकी की मौत हो गई है। 10 जुलाई 1968 को बहावलपुर, पंजाब, पाकिस्तान में जन्मे अज़हर को भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी माना जाता था।

 

जिस बम विस्फोट में आतंकी मसूद अज़हर के मारे जाने की खबर है, वह सुबह के समय हुआ, जब वह भावलपुर में एक मस्जिद से नमाज़ पढ़कर निकल रहा था। हमले के पीछे के अपराधियों की पहचान फिलहाल 'अज्ञात पुरुषों' के रूप में की गई है। यह घटना कथित तौर पर सुबह 5 बजे हुई, जिससे अज़हर जहन्नुम चला गया। खबर की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है.

कौन था मसूद अज़हर ?
बता दें कि, मसूद अज़हर को कई आतंकवादी गतिविधियों के लिए ज़िम्मेदार चरमपंथी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख के रूप में कुख्याति मिली थी। विशेष रूप से, वह इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 814 (IC814) के अपहरण के बाद रिहाई की मांग करने वाले आतंकवादियों में से एक था। आतंकवाद के कृत्यों को बढ़ावा देने और उसे संचालित करने में आतंकी मसूद अज़हर की संलिप्तता ने उसे सुरक्षा बलों के लिए एक हाई-प्रोफ़ाइल लक्ष्य बना दिया था। 

 

जब राहुल गांधी ने मसूद अज़हर को कहा 'जी' :-
बता दें कि, भारत की सियासत में 2019 में उस समय बवाल मच गया था, जब कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी ने खूंखार आतंकी मसूद अज़हर को जी कहकर संबोधित किया था। राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' सम्मेलन में पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'ये 56 इंच के सीने वाले अपनी पिछली सरकार (अटल सरकार) में मसूद अजहर जी के साथ बैठकर गए थे।' दरअसल, प्लेन हाईजैक होने के बाद तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने आपने यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कुछ आतंकियों को छोड़ा था, जिसमे मसूद अज़हर भी शामिल था। वो प्लेन नेपाल से उड़ा था और हवा में ही उसे हाईजैक कर लिया गया और अफगानिस्तान के कांधार ले जाय गया। भारत में कोई गतिविधि नहीं हुई थी, इसलिए भारत सरकार कुछ कर न सकी। उसे आतंकियों की शर्त के अनुसार आपने नागरिकों को बचाने के लिए जेल में कैद आतंकियों को रिहा करना पड़ा। अजित डोभाल, खुद मसूद अज़हर को प्लेन में लेकर गए और वहां से आपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की थी। 
 
आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है:
जबकि मीडिया रिपोर्टों में मौलाना मसूद अज़हर की मौत का संकेत दिया गया है, संबंधित अधिकारियों से आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है। बम विस्फोट के आसपास की परिस्थितियां और हमलावरों की पहचान जांच का विषय बनी हुई है। अज़हर के निधन की खबर से क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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