नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद, छोटा राजन और उल्फा नेता अनूप चेतिया पर अपने विवादास्पद ट्वीट के लिए आज खबरों में आ गए. अहमद का कहाना है की बीजेपी आतंकवाद पर दोहरा नजरिया रखती है.
"शुक्र है छोटा राजन और अनूप चेतिया (उल्फा) मुसलमान नहीं हैं. अगर वो मुस्लिम होते तो मोदी सरकार कुछ और कहानी बताती". अहमद ने एक ट्वीट में कहा. अहमद ने फिर अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा की वो मोदी सरकार की आतंक के खिलाफ दोहरी नीति को दर्शन चाहते थे. अगर छोटा राजन और उल्फा नेता अनूप चेतिया मुस्लिम होते तो बीजेपी सरकार कहती की कांग्रेस सरकार ने इसलिए अभी तक छोटा राजन और उल्फा नेता अनूप चेतिया को भारत नहीं लाया क्यों की वो मुस्लिम है. बीजेपी कहती की कांग्रेस इस तरह वोट बैंक की राज नीति कर रही है.
हलाकि बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा की कांग्रेस के बड़े नेता होने के नाते अहमद ने एक बेहूदा और शर्मनाक टिप्पणी की है और धार्मिक आधार पर भी आतंकवादियों के बीच भेदभाव करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, "समाज में वोट बैंक बनाया गया है और आज वे धर्म के नाम पर आतंकवादियों के बीच अंतर करने की कोशिश की जा रही है. वे हिंदू आतंकवादियों और मुस्लिम आतंकवादियों के बीच भेदभाव कर रहे हैं. अहमद ने किस तरह का बयान दिया है."
अभी कुछ दिन पहले, दो अन्य कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद, प्रधानमंत्री मोदी पर पाकिस्तान में अपने बयान के लिए आलोचित हो चुके है. उन्होंने यहाँ भी कहा की मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद ISIS प्रचारक के रूप में व्यवहार कर रहे है.
"आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है" यहाँ स्वीकार करते हुए अहमद ने याद दिलाया की NDA नेता, जो अब एक मंत्री है, कुछ समय पहले "सभी मुसलमान आतंकवादी नहीं हैं लेकिन सभी आतंकवादी मुसलमान हैं" संसद में कहा कहा चुके है. उन्होंने समझाते हुए कहा,"यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. यही कारण है कि मैं बस मोदी और भाजपा के दोहरे मापदंड को बेनकाब करने की कोशिश कर रहा था, यही वजह है मेने ऐसा कहा".