नकदी संकट से जूझता देश का दूर संचार उद्योग
नकदी संकट से जूझता देश का दूर संचार उद्योग
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नई दिल्ली : प्रमुख दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) का कहना है कि कड़ी शुल्क दर स्पर्धा व ऊंचे करों से भारतीय दूरसंचार कंपनियों को परेशानी में डाल दिया है.देश का दूरसंचार उद्योग इन दिनों भारी नकदी ‘संकट’ से जूझ रहा है.

बता दें कि आरकॉम कंपनी के अनुसार दूरसंचार उद्योग की इस वर्ष की आय व इसके ऋण या भुगतान प्रतिबद्धताओं के बीच 1,20,000 करोड़ रुपये का अंतर है. कंपनी का कहना है कि दूरसंचार कंपनियों के वार्षिक ब्याज भुगतान, ऋण भुगतान, स्पेक्ट्रम से जुड़े शुल्क व पूंजी परिव्यय को जोड़ दें तो यह राशि 1,62,000 करोड़ रुपये है. वहीं 2017-18 में कंपनियों की शुद्ध आय (ईबीआईटीडीए) 43,000 करोड़ रुपए अनुमानित है.ऐसी दशा में कंपनियों के लिए ऋण व अन्य भुगतान करने में कठिनाई आयेगी.

उल्लेखनीय है कि आरकॉम की एक  प्रस्तुति के अनुसार दूरसंचार उद्योग की सकल देनदारी 31 मार्च 2017 को 7,75,000 करोड़ रुपये थी. जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में दूरसंचार उद्योग के कारोबार में पहली बार गिरावट आई और कुल आय घटकर 2.10 लाख करोड़ रह गई.इस कारण कंपनियों के ईबीआईटीडीए में 12,000 करोड़ रुपये की कमी आई. कंपनी का अनुमान है कि दूरसंचार उद्योग के कारोबार में 2017-18 में 25,000 करोड़ रुपये की और कमी आएगी. स्मरण रहे कि आरकॉम को बैंकों को कर्ज भुगतान के लिए सात महीने की मोहलत मिल गई है.कंपनी पर कुल 45,000 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं.

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