नई दिल्ली: हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसी लड़की की दांस्ता जो की खुद लीवर डोनर के इंतजार में थी लेकिन आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई. मरकर भी वह अपनी किडनियों को देकर दो लोगो की जिंदगी को रोशन कर गई. खबर के अनुसार 18 साल की विद्यार्थी आकांक्षा जोशी जो की पढ़ाई लिखाई में काफी होशियार थी.
आकांशा जोशी का लीवर खराब हो गया था. आकांशा द्वारा एमबीबीएस में दाखिले की तैयारी के लिए कोटा भी गई थीं. आकांशा का सपना था की वह बड़ी होकर एक काबिल डॉक्टर बने. आकांशा को हेपेटाइटिस ए का संक्रमण हुआ जिसके कारण उनका लीवर खराब हो गया. समय रहते कोई उसी प्रकार का मिलता जुलता लीवर न मिल पाने के कारण आकांशा की मौत हो गई.
जब डॉक्टरों ने आकांशा के माँ बाप से अंगदान की बात की तो उन्होंने तुरंत ही हामी भर दी. डॉक्टर एस के सरीन जो की आईएलबीसी के डायरेक्टर है उन्होंने कहा की यह काफी अच्छी बात थी की आकांशा के माँ बाप ने अंगदान की हामी भर दी, हमने भी सोचा नही था की आकांशा के माँ बाप इसके लिए राजी होंगे.
डॉक्टरों की टीम ने इसके लिए आकांशा की दोनों किडनियां निकाली व इसके लिए डॉक्टरों की टीम को काफी सावधानी रखनी पड़ी. इन्हे दो मरीजों को लगाई गई. जिनमे से एक है दिल्ली के रहने वाले 58 साल का व्यक्ति व दूसरा शख्स राजस्थान के कोटा शहर में रहता है जिसकी उम्र 52 साल है. आकांशा मरकर भी दो लोगो की जीवन में खुशिया भर गई.