वाराणसी: बनारस घराने के विश्व प्रसिद्ध तबला वादक पंडित लच्छू महाराज का बुधवार को देर रात वाराणसी के एपेक्स अस्पताल में तकरीबन एक बजे निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर छा गई. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को वाराणसी में ही किया जाएगा.
72 वर्षीय विश्व के सर्वश्रेष्ठ तबला वादकों में से एक पं. लच्छू महाराज स्वभाव से फक्कड़ थे. बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी तबला बजाया था. फिल्म अभिनेता गोविंदा उनके भांजे हैं. इनकी शिष्य परंपरा के सैकड़ों कलाकार देश-दुनिया भर में हुनर का परचम लहरा रहे हैं. पं. लच्छू महाराज के बचपन का नाम लक्ष्मीनारायण सिंह था. अपने पिता वासुदेव नारायण सिंह से ही उन्होंने तबला वादन की शिक्षा ली थी. लच्छू महाराज ने टीना नाम की फ्रांस की महिला से विवाह किया था. उनकी पुत्री नारायणी अपनी मां के साथ ही इस समय स्विट्जरलैंड में रह रही है.
उनके छोटे भाई अधिवक्ता जयनारायण सिंह के अनुसार उनकी शव यात्रा उनके पैतृक आवास, दालमंडी से शुक्रवार को निकलेगी. दाह संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा. उनकी पत्नी और पुत्री के वाराणसी आने का इंतजार है. बता दें कि तबीयत खराब होने के बाद परिजनों ने उन्हें महमूरगंज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन चिकित्सकों के तमाम प्रयास के बावजूद उनको बचाया नहीं जा सका.
पंडित लच्छू महाराज के निधन की जानकारी मिलने के बाद संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. विख्यात ठुमरी गायिका गिरिजा देवी ने पं. लच्छू महाराज के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कलाकार दोबारा पैदा नहीं होता. उनको जो बारीकियां मालूम थीं, वह अन्य लोगों के पास नहीं है. मेरे बचपन के दोस्त बनारस घराने के सिद्धस्त तबला वादक थे.