नई दिल्ली: वर्ष 2012 से अब तक निर्भया के केस को लगभग 8 वर्ष बीत चुके है. और हर बार उन दरिंदों का वकील कोई न कोई नई चाल चल देता है. वहीं अभी निर्भया के दरिंदों को 3 मार्च 2020 को फांसी होगी या नहीं, इस पर फिर संशय हो गया है. सुप्रीम कोर्ट एक दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका पर सोमवार को सुनवाई की जाने वाली है. वहीं, एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ने बीते शनिवार यानी 29 फरवरी 2020 को राष्ट्रपति के समक्ष फिर दया याचिका दायर की. निचली अदालत ने 17 फरवरी 2020 को चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर तीन मार्च, सुबह 6 बजे फांसी की तारीख तय की थी.
वहीं इस बात का पता चला है कि बीते शुक्रवार यानी 28 फरवरी 2020 को दायर पवन की याचिका पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ सोमवार सुबह इन चैंबर सुनवाई करेगी. बाकी तीन दोषियों की सुधारात्मक याचिका कोर्ट खारिज कर चुका है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि कानूनी तिकड़मों के चलते दो बार डेथ वारंट जारी होने के बावजूद दोषियों को फांसी नहीं हो सकी है. पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि चारों को एक साथ फांसी होगी. इसे केंद्र और दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर पांच मार्च को सुनवाई है.
फांसी रुकवाने को दी याचिका: जानकारी एक मुताबिक अब तक यह पता चला है कि अक्षय सिंह और पवन गुप्ता ने डेथ वारंट पर रोक के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की है. एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने इस पर तिहाड़ जेल प्रशासन से दो मार्च तक जवाब मांगा है. याचिका में अक्षय ने दावा किया कि राष्ट्रपति के समक्ष उसकी नई दया याचिका लंबित है. वहीं, पवन ने सुधारात्मक याचिका का हवाला दिया है.
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