पूजा स्थल अधिनियम पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट, काशी-मथुरा मामलों के लिए है बेहद अहम
पूजा स्थल अधिनियम पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट, काशी-मथुरा मामलों के लिए है बेहद अहम
Share:

नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने इन याचिकाओं पर 11 अक्टूबर से सुनवाई करने का फैसला लिया है। तीन न्यायमूर्तियों की पीठ इस अहम मसले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इन याचिकाओं को लेकर नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं।

याचिका दाखिल करने वाले एक याची ने कहा है कि काशी और मथुरा की अदालतों ने इसी अधिनियम का उल्लेख करते हुए फैसले सुनाए हैं। हालांकि मुख्य न्यायाधीश (CJI) यूयू ललित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, काशी और मथुरा की अदालतों की तरफ से जारी सुनवाई पर रोक नहीं लगाएगी। उन्होंने कहा कि जिला अदालतों में जारी सुनवाइयों को चलने दिया जाए। CJI ललित ने कहा कि इस मामले में अब तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं सॉलिसिटर जनरल ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और अधिक समय की मांग की है। 

बता दें कि पूजा स्थल अधिनियम को संसद से 18 सितंबर, 1991 को पारित किया गया था। 1991 में लागू किया गया यह प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में तब्दील नहीं किया जा सकता। ज्ञानवापी मस्जिद और कृष्णजन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण की सुनवाई में इस अधिनियम का कई बार उल्लेख किया गया है। ऐसे में कई बड़े मामलों में यह कानून अहम हो गया है।

नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, पैगम्बर मोहम्मद से जुड़ा है विवाद

महारानी एलिजबेथ के निधन पर पश्चिमी मीडिया ने चलाया 'भारत विरोधी' प्रोपेगेंडा !

अग्निपथ हिंसा की SIT जांच नहीं होगी.., सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -