महारानी एलिजबेथ के निधन पर पश्चिमी मीडिया ने चलाया 'भारत विरोधी' प्रोपेगेंडा !
महारानी एलिजबेथ के निधन पर पश्चिमी मीडिया ने चलाया 'भारत विरोधी' प्रोपेगेंडा !
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नई दिल्ली: ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने गुरुवार (8 सितम्बर) को स्कॉटलैंड के बोल्मोरल किले में 96 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। महारानी के देहांत के बाद ब्रिटेन की शाही गद्दी पर उनके बेटे किंग चार्ल्स बैठेंगे। महारानी के निधन के बाद भारत सहित पूरी दुनिया के सभी देशों में शोक की लहर है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी माहरानी के निधन पर शोक प्रकट है। इसी बीच एक अमेरिकी पत्रिका में महारानी के देहांत को लेकर भारत से जुड़ी ऐसी खबर प्रकाशित की गई है, जिस पर विवाद हो गया है। 

इस खबर में कहा गया है कि महारानी एलिजाबेथ की निधन को लेकर भारत और आयरलैंड में कुछ लोग जश्न मना रहे हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर भारतीय लोगों ने सख्त आपत्ति जताई हैं। भारतीय यूजर्स इसे भारत के खिलाफ पश्चिमी मीडिया का प्रोपेगैंडा बता रहे हैं। अंग्रेजी पत्रिका न्यूजवीक की रिपोर्ट में कहा गया है कि महारानी एलिजाबेथ ने अपने शासन के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य में कई  बदलाव किए, उसके बाद भी पूर्व में ब्रिटिश शासित रहे कई देशों में कुछ लोग महारानी को अपने लोगों के साथ बर्बरता के लिए जिम्मेदार समझते हैं। पत्रिका में कहा गया कि वर्ष 1913 में ब्रिटिश राज्य अपने चरम पर था। उस वक़्त कहा जाने लगा था कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नहीं होगा। उस वक़्त दुनिया के लगभग 23 फीसदी लोगों पर ब्रिटिश राज का नियंत्रण था।

दरअसल, उस वक़्त ब्रिटिश राज का सभी महाद्वीपों के कई देशों पर कब्ज़ा था, जिसमें एशिया से संपूर्ण भारत आता था। आज भी 14 संप्रभु क्षेत्र ब्रिटिश संप्रभुता के अंतर्गत हैं। 

सोशल मीडिया पर महारानी एलिजाबेथ के निधन पर खुशी ?

अंग्रेजी पत्रिका ने किसी ट्विटर यूजर्स का नाम लिए बगैर ही महारानी के निधन को लेकर उनके बयान छा पे हैं। अंग्रेजी पत्रिका के मुताबिक, एक ट्विटर यूजर ने क्वीन के देहांत को लेकर कहा कि क्वीन एलिजाबेथ के एक व्यक्ति विशेष, मां और दादी होने के नाते उनके निधन पर दुख है। मगर वो एक ऐसे साम्राज्य की प्रमुख भी रही हैं, जिसने सदियों तक भारत और आयरलैंड को प्रताड़ित कर अपना लाभ उठाया। वहीं पत्रिका के मुताबिक, महारानी के देहांत को लेकर एक अन्य यूजर ने कहा कि क्वीन का निधन हो चुका है। इस अवसर पर अफ्रीका, भारत, आयरलैंड और भी कई देशों के उन सभी लाखों लोगों को याद किया जाए, जो अंग्रेज़ों की गुलामी के दौरान मारे गए हैं।

 

अंग्रेजी मीडिया की इस रिपोर्ट को लेकर रैंड कॉरपोरेशन से जुड़े डेरेक ग्रॉसमैन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि ऐसा मत कीजिए। किसी भी प्रकार से भारत महारानी के निधन से खुश नहीं है। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी क्वीन के देहांत पर भावुक संदेश लिखा है। डेरेक ने आगे कहा कि ये भी ध्यान में रखिए कि महारानी ने उपनिवेशवाद के बाद के अभूतपूर्व और व्यवस्थित दौर पर शासन किया है। इस प्रकार की हेडलाइंस केवल यह माहौल बनाती हैं कि पश्चिमी मीडिया भारत के खिलाफ है।

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