नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बिना TET पास किए शिक्षको को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है की बेसिक शिक्षा सचिव व्यक्तिगत रुप से पेश होकर अब तक हुई इन भर्तियों का विवरण कोर्ट में जमा करे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिना TET पास शिक्षामित्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है। हम आपको बता दे की दूरस्थ शिक्षा से सफलतापूर्वक दो वर्षीय BTC प्रशिक्षण प्राप्त करीब 92,000 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया था।
इस निर्णय के विरोध में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद NCTI ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन रूप से चल रहा है। NCTI ने कोर्ट में दलील दी थी कि शिक्षा मित्र मात्र संविदा कर्मी हैं, साथ में यह भी कहा था कि शिक्षक बनने के लिए TET पास करना अनिवार्य है। कोई भी शिक्षा मित्र TET पास नहीं हैं। इस शिक्षा सत्र में गौतमबुद्धनगर में 250 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया है। इनमें मात्र 2 ही शिक्षको ने TET पास किया है।