नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि भ्रष्टाचार आर्थिक आतंकवाद है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने अपना यह निर्णय तीन राज्यों में भ्रष्टाचार के विरूद्ध बनाए गए नियम को लेकर दिया। दरअसल न्यायालय में इन राज्यों में बनाए गए नियमों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता ने भ्रष्टाचार के मसले पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए मध्यप्रदेश, बिहार और ओडिशा में बने नियमों के खिलाफ अपील दायर की।
न्यायालय ने स्पष्टतौर पर कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपियों की अवैध संपत्तियों को जब्त किया जाना जरूरी है। इस तरह के निर्णय के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार ऐसा रोग है जो स्वयं ही फैल जाता है। यह एक ऐसा रोग है जो अपने ही विरूद्ध असर करने वाली दवाईयों को लेकर प्रतिरोध करना प्रारंभ कर देता है। भ्रष्टाचार एक राष्ट्रीय आर्थिक आतंकवाद हो गया है।
इस सामाजिक आपदा से निपटने के लिए कठोर नियंत्रण की आवश्यकता महसूस की जाती है। सर्वोच्च न्यायाल द्वारा कहा गया कि भ्रष्टाचार के मसलों पर फैसला आने के लिए आरोपी की संपत्तियों को जब्त करना महत्वपूर्ण और अंतरिम प्रयास हो सकता है।