भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है जिसमें पूरी दुनिया में कोरोना फैलाने के लिए चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (में 600 अरब अमेरिकी डॉलर के मुआवजे का मुकदमा करने का केंद्र को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी. मुख्य न्यायाधीश एएस बोबडे , न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि इस याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है.
चीन के खूनी संघर्ष के बाद भाजपा महासचिव राम माधव ने कही यह बात
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि याचिका में दावा किया गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कोरोना चीन की वुहान लैब ?से निकला और उसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया. याचिकाकर्ता मदुरै निवासी केके रमेश की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि चीन के इस वायरस ने हजारों भारतीय नागिरकों की जान ले ली. याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता सीआर जया सुकिन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत से कहा कि इस याचिका को सरकार के प्रतिवेदन के तौर पर लिया जाना चाहिए.
चीन के 'घात' पर भड़के लद्दाख सांसद, बोले - अब अक्साई चीन वापस लेने का समय आ गया
इसके अलावा याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि चीन ने जानबूझ कर जैविक हथियार के तौर पर कोरोना वायरस का इस्तेमाल किया. कोरोना भारत के साथ साथ दुनिया के अनेक देशों में फैला. याचिका में यह भी कहा गया है कि यह जानलेवा वायरस चीन के वुहान शहर से पैदा हुआ फिर भी उसके यह आसपास के शहरों में नहीं फैला. याचिका में शीर्ष अदालत से गुजारिश की गई थी कि ऐसे में जब देश के नागरिकों के लिए आइसीजे से संपर्क करना मुश्किल है... केंद्र सरकार को चीन से मुआवजे के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय जाने का निर्देश दिया जाना चाहिए.
भारत-चीन विवाद पर रूस ने तोड़ी चुप्पी, दिया बड़ा बयान
Bajaj Pulsar 125 का नया अवतार बाजार में हुआ पेश, जानें अन्य खासियत
सीएम योगी का एक ओर बड़ा फैसला, अस्पताल में उपलब्ध कराएं लाखों की संख्या में बेड