जलीकट्टू मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मानी केंद्र की बात, एक हफ्ते तक नहीं आएगा फैसला
जलीकट्टू मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मानी केंद्र की बात, एक हफ्ते तक नहीं आएगा फैसला
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नई दिल्ली : तमिलनाडु में मकर संक्रांति के ही करीब होने वाले आयोजन जलीकट्टू को लेकर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। न्यायालय से सरकार ने मांग की है कि करीबन एक सप्ताह तक इस मामले में निर्णय न दिया जाए। ऐसा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कहा गया है। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय से कहा गया है कि जलीकट्टू पर जो बैन लगाया गया है इससे राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। तो दूसरी ओर लोग सड़कों पर विरोध करने उतर रहे हैं। ऐसे मेें सरकार ने अपील की है कि न्यायालय लोगोें की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की अर्जी पर राजी हो गया है कि एक हफ्ते तक इस मामले में फैसला नहीं दिया जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने भी मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के माध्यम से यह कहा कि राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी। उन्होंने कहा कि इसे लेकर एक ड्राफ्ट गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। इस ड्राफ्ट को जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग प्रदर्शन न करें। जिससे कानून व्यवस्था न बिगड़े।

गौरतलब है कि मद्रास न्यायालय ने इस मामले में कुछ भी कार्रवाई करने से इन्कार किया जिसके बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा। इस आयोजन के दौरान सांड को लोगों से लड़वाया जाता है लोग सांड की मार से बचने का प्रयास करते हैं और सांड को नियंत्रित कर उसे हाराने की कोशिश करते हैं। लोग इस आयोजन को आस्था से देखते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ने इस मामले में कहा कि अध्ययादेश लाने के लिए विशेषज्ञों से चर्चा की जा रही है। डीएमके द्वारा इस मामले में रेल रोको आंदोलन करने की अपील की गई है।

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