नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस इकाई के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू हो गई है. सिद्धू के खिलाफ रोडरेज मामले पर सुनवाई हो रही है. उनका वर्ष 1988 में यानी लगभग 34 वर्ष पूर्व पटियाला में पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ था. जिसमें एक बुजुर्ग की जान चली गई थी. इस मामले में पहले शीर्ष अदालत ने सिद्धू को एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था. इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दायर की है.
सिद्धू की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए हैं. उन्होंने अदालत में कहा कि यह 34 वर्ष पुराना केस है. इस मामले में दोषसिद्धि पर रोक शीर्ष अदालत ने लगाई थी, जिसका विस्तृत आदेश दिया गया था. अदालत ने कहा कि इसका आज की सुनवाई से क्या वास्ता है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई चार दिन के लिए टाल दी थी. मामले में सिद्धू ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें रोडरेज मामले (1988 Road Rage Case) में सजा ना दी जाए. जबकि याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि सिर्फ मारपीट की धारा लगाना गलत है. क्योंकि जो बुजर्ग जख्मी हुआ था, उसकी चोट मामूली नहीं थी.
इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि पिछले तीन दशक में उनका सियासी और खेल करियार बेदाग रहा है. साथ ही सांसद के रूप में भी बेजोड़ रिकॉर्ड रहा है. उनकी ओर से कहा गया कि उन्होंने लोगों की भलाई के लिए काम किया है. जिन्हें आर्थिक मदद की आवश्यकता थी, उनके लिए परोपकारी कार्य किए गए हैं. वो कानून का पालन करने वाले इंसान हैं और उन्हें आगे दंड नहीं दिया जाना चाहिए.
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