भोपाल: आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रतिष्टित संस्थानों में पढाई करने के लिए छात्रों को जेईई, मेन परीक्षा (ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जामिनेशन) देनी पड़ती थी जिसमे 12वीं के अंक जुड़ते थे किन्तु प्रशासन के नए नियम के अनुसार अब जेईई की परीक्षा में 12वीं के अंक नहीं जुड़ेंगे.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने तय किया है कि जेईई, मेन परीक्षा में 12वीं के अंकों को 40 फीसद वेटेज देने की व्यवस्था अब समाप्त कर दी जाएगी. इस वर्ष होनें वाली परीक्षा तो पहले के नियम के आधार पर ही होगी. नए नियम अगले साल से लागू होंगे. मंत्रालय के अनुसार अशोक मिश्र समिति की सिफारिशों और लोगों से मिली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है. जेईई परीक्षाओ में अब विद्यार्थी की असली योग्यता की परीक्षा होगी.
एचआरडी मंत्रालय के द्वारा ये साफ किया गया है कि आगे भी इस परीक्षा में बैठने के लिए छात्र को 12वीं में न्यूनतम 75 फीसद अंक हासिल करने होंगे. या फिर इसमें बैठने वाले वो छात्र होंगे, जिनका स्थान संबंधित परीक्षा बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल में होगा. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए न्यूनतम अंक 65 फीसद होंगे.