मुरैना: मध्यप्रदेश में आगामी 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने जा रहा है। प्रदेश के चुनावी माहौल का जायजा लेने और मतदाताओं से ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मीडिया का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' बुधवार को मुरैना , जहां युवाओं से रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं जैसे विषय पर खुलकर चर्चा की भी हुई।
विक्रम तोमर ने बोला है कि मुरैना को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिली हैं। शहर के कई हिस्सों में गंदगी की अंबार भी लगा हुआ है। मुरैना शहर की प्रमुख सड़कों पर गोबर फैला हुआ रहता है। वहीं, रोजगार के भी साधन नहीं हैं। पंकज बड़ेरिया ने बोला कि मुरैना में शिक्षा की खास सुविधा नहीं है। बच्चों को शिक्षा के लिए ग्वालियर और इंदौर का रुख करना पड़ता है। आर्मी में जाने वाले बच्चों के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है, डॉ. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में सुविधाओं का भी अभाव बना हुआ है। प्रत्याशी वोट लेने के लिए आते हैं लेकिन जीतने के बाद इलाके का विकास नहीं करते। युवा मतदाता नितिन का कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक पढ़ाने के लिए नहीं आते हैं, हमें कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है।
साहिल राजौरिया का बोलना है कि मुरैना के युवा चिकित्सा और आर्मी में जाना चाहते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं का आभाव है। स्टेडियम में भी सुविधाएं नहीं हैं। यहां अच्छे कॉलेज भी नहीं हैं, बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। मनीष राठौर का बोलना है कि सरकारी विभागों में बिना लेन-देन के काम नहीं होते। शहर में जगह-जगह गंदगी पसरी है। सड़कें जर्जर हालत में हैं। नरेंद्र राजपूत का बोलना है कि वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, और सिंधिया जैसे बड़े नेता हैं लेकिन उसके बाद भी इस इलाके का विकास नहीं हो पाया है। बेरोजगार क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। शहर की ज्यादातर सड़के खस्ताहाल हैं।
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