कई बार ऐसे मामले सामने आ जाते है, जिसके बारें में कुछ भी कह पाना हम सभी के लिए बेहद ही मुश्किल हो जाता है, जी हां एक बार फिर हम आपके लिए कुछ ऐसी ही खबर लेकर आए है जहां 32 साल के बाद कश्मीरी पंडितों ने भारी सुरक्षा के बावजूद भगवान कृष्ण के जन्मदिन के उपलक्ष्य में सोमवार को श्रीनगर में जन्माष्टमी मार्च निकाला। झाँकी जुलूस शहर के हब्बा कदल इलाके के गणपतियार मंदिर में शुरू हुआ। यात्रा ने शहर के महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा किया, जिसमें क्रालखुद, बरबरशाह, अमीरकदल पुल और जहांगीर चौक शामिल हैं। अलग-अलग उम्र के भक्तों ने रथ के पास नृत्य किया, मिठाई बांटी और "हरे कृष्ण हरे राम" के जयकारें भी लगाए गए।
कोविड-19 के कारण, 2020 में कोई मार्च नहीं था, और जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के बाद लगाए गए लॉकडाउन के कारण अगस्त 2019 में इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा, भाजपा के एक पदाधिकारी, शौर्य डोभाल ने ट्वीट किया कि उत्सव उसी स्थान पर आयोजित किए गए थे जहां 1992 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराना एक जीवन के लिए खतरा था।
उन्होंने कहा कि “और आज, हिंदू समुदाय के लोग उसी स्थान पर अपनी धार्मिक कार्यवाही करने में सक्षम हैं। यह पीएम नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में ही संभव हुआ है।"
Jhanki Yatra organised at Lal Chowk, Srinagar on the occasion of #SriKrishnaJanmashtami. The devotees also sang Krishna Bhajans. This is the first time in 32 years Janmashtami processions were taken out in #kashmir #KashmiriPandits #Hinduism pic.twitter.com/JsqspmLde5
— Organiser Weekly (@eOrganiser) August 30, 2021
अजीबोगरीब बयान देकर फंसे मंत्री, सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक
बेंगलुरु में दर्दनाक हादसा, DMK के विधायक के बेटे समेत कई लोगों की हुई मौत