मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में कोर्ट कमिश्नर सर्वे पर भड़के सपा सांसद एसटी हसन, बोले- 'राजा ने जहां चाहा मंदिर बनवाया...'
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में कोर्ट कमिश्नर सर्वे पर भड़के सपा सांसद एसटी हसन, बोले- 'राजा ने जहां चाहा मंदिर बनवाया...'
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मथुरा: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि भूमि मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वे पर रोक लगाने से मना कर दिया है। एक दिन पहले ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर सर्वे की मंजूरी दी थी। मुस्लिम पक्ष ने उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। मगर, सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष को झटका दिया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन और AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने प्रतिक्रिया दी है। 

समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन ने कहा, हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। जिस प्रकार से बाबरी मस्जिद का भी ASI सर्वे हुआ था और मंदिर के सिलसिले में कोई साक्ष्य नहीं मिले थे। अब यही हाल इस केस में भी होगा। हम यह पूछना चाहते हैं कि जो 500 वर्ष पहले हुआ था, उस वक़्त संविधान नहीं था। राजतंत्र था। आजकल यह सरकार लाने का प्रयास कर रही है। राजतंत्र में बादशाह या राजा की जुबान ही संविधान होती थी। सारी जमीन उसकी होती थी। राजा ने जहां चाहा मंदिर बनवाया और जहां चाहा मस्जिद बनवा दी। मगर आज गड़े मुर्दें उखाड़कर हिंदुस्तान की दो बड़ी आबादी के बीच में टेंशन पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। डराने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

एसटी हसन ने कहा, अदालत को भी इस बात को संज्ञान में लेना चाहिए कि हमारा सांप्रदायिक सौहार्द ना बिगड़े। बाबरी मस्जिद के रूप एक बहुत बड़ा मसला हम झेल चुके हैं। अब यह नया विवाद है। ये खत्म होगा तो तीसरा शुरू हो जाएगा। तीन हजार मस्जिदों के ऊपर विवाद है। जो होना था, वो हो चुका है। अब हम आगे मिल-जुलकर प्यार-मुहब्बत से साथ देश को आगे बढ़ाएं। देश को 500 वर्ष पीछे ना ले जाएं। हम अदालत के फैसले पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। लेकिन सहमति और असहमति बता सकते हैं। उन्होंने कहा, मैंने कहा कि इस फैसले पर सहमत नहीं हैं। उस वक़्त कोई संविधान नहीं था। आज के संविधान से उसकी तुलना नहीं करना चाहिए। आज अयोध्या में भी 11 ऐसे मंदिर हैं, जो बोलते हैं कि राम जन्मभूमि तो हमारे यहां है। हम आपस में लड़े-मरे जा रहे हैं। हमें सबसे पहले देश को देखना होगा। आज धर्मों का सहारा लेकर सियासत अपनी मंजिलें तय कर रही है।

वहीं, AIUDF प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा, जो सर्वोच्च न्यायालय कहेगा, उसे मानना पड़ेगा। लेकिन BJP, RSS, VHP का एजेंडा है कि वो हमारी मस्जिदों को अपना मंदिर बताते हैं। ऐसी लगभग 3500 मस्जिदें हैं। एक-एक करके वो ऐसे ही मस्जिद सामने लाएंगे। लेकिन हम अदालत में केस लड़ रहे हैं।

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