किसी की होनी थी हार्ट सर्जरी तो किसी को दे दिया गया था बेहोशी का इंजेक्शन...तभी लग गई हॉस्पिटल में आग और फिर
किसी की होनी थी हार्ट सर्जरी तो किसी को दे दिया गया था बेहोशी का इंजेक्शन...तभी लग गई हॉस्पिटल में आग और फिर
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लखनऊ: लखनऊ के पीजीआई  हॉस्पिटल में आग लगने की घटना में तीन लोगों की जान चली गई. इसमें एक महिला, नवजात और किशोर शामिल है. मृतकों के परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर लापरवाही का इल्जाम भी लगाया गया है. उन्होंने इस बारें में बोला है कि आग लगते ही डॉक्टर और नर्स ऑपरेशन थियेटर से भाग गए थे. अगर वक़्त रहते मरीजों को रेस्क्यू कर लिया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी. इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी ने मामले का संज्ञान लिया है. वहीं, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं.   दरअसल, बीते सोमवार को दोपहर 1 बजे के पास पीजीआई के ओटी में मॉनीटर से चिंगारी निकलने के उपरांत आग फैल गई थी. जिस समय आग लगी 26 वर्ष की पीलीभीत की तैयबा और गाजीपुर की नेहा के नवजात की सर्जरी चल रही था. देखते ही देखते आग ओटी से निकलकर चारों तरफ फैल गई. 

मृतकों ने परिजनों ने सुनाई आपबीती: खबरों का कहना है कि तैयबा के परिजनों का इल्जाम है अफरा-तफरी के माहौल में मरीज को ओटी से बाहर निकालने के बजाय डॉक्टर, नर्स और स्टाफ सब भाग खड़े हुए. उन्होंने मरीज को मरने के लिए छोड़कर भाग गए. जिसके चलते तैयबा की झुलसने से जान चली गई. 
जिसके साथ साथ अस्पताल में भर्ती सोनभद्र के 10 वर्ष के गौरव की भी मौत हो गई. एनेस्थीसिया की डोज दिए जाने के वजह से तैयबा और गौरव दोनों बेहोश थे. अगर उन्हें टाइम पर बाहर निकाल लिया जाता तो शायद इतना बड़ी घटना नहीं होती.  वहीं, दूसरी ओटी में एक नवजात की हार्ट सर्जरी होने वाली थी. लेकिन धुएं और आग की वजह से उसकी भी दर्दनाक मौत हो गई. वह महज सिर्फ 30 दिन का था. हालांकि, उसे ओटी से बाहर निकाल लिया गया था. मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी. 

कैसे लगी थी आग?: इस पूरे  केस में पीजीआई के निदेशक ने कहा है कि ओटी में मॉनीटर के स्पार्क होने से आग लग गई थी. कुछ ही देर में ये आग वर्क स्टेशन और पूरे ओटी में फैलने लग गई. इसके उपरांत फौरन मरीजों की शिफ्टिंग का काम शुरू हुआ. हालांकि, कुछ लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दे दिए गए. 

सीएम और डिप्टी हुए सख्त: केस में मुख्यमंत्री योगी ने दुख जताया और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का विश्वास दिलाया. साथ ही उन्होंने हादसे की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.  वहीं, पीजीआई हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बोला है  कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार पीड़ित परिजनों के साथ है. घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  इसके साथ साथ ब्रजेश पाठक ने कहा कि PGI सहित यूपी के सभी सरकारी हॉस्पिटल का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा. साथ ही सभी जिला स्तरीय अस्पतालों एवं ऑपरेशन थियेटरों का भी सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.   

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