अगर आपको नही पता तो बता दे कि, सोशल मीडिया पर हेट स्पीच आदि को बढ़ावा देने वालों पर अगले साल की शुरुआत से ही लगाम लगाया जाएगा. दरअसल, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन (MEI) ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में सोशल मीडिया साइट्स पर लगाम लगाने के लिए एफिडेविट फाइल कर दिया है. सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर एफिडेविट में कहा है कि इस मामले में कड़े से कड़े नियम बनाए जाएंगे, ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को और भी बेहतर तरीके से रेग्युलेट किया जा सके. आगे जाने
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अपने बयान में MEI द्वारा दायर एफिडेविट में सरकार ने कहा है कि इस पर विचार किया जाएगा कि Facebook, Twitter आदि जैसे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए कंटेंट के लिए सोशल मीडिया सर्विस प्रोवाइर को जिम्मेदार ठहराया जाए या नहीं. हालांकि, एफिडेविट में सरकार ने ये भी कहा है कि उनकी कोशिश होगी कि मामले के सभी पक्षों को कवर किया जाएगा. सरकार 15 जनवरी 2020 तर सोशल मीडिया को रेग्युलेट करने के लिए नियम बना कर सोशल मीडिया प्रोवाइडर को नोटिफाई करेगी.
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मीडिया से प्राप्त जानकरी के अनुसार , मंत्रालय ने अपनी एफिडेविट में ये भी कहा है कि टेक्नोलॉजी से एक तरफ जहां देश की आर्थिक विकास में काफी योगदान मिली है. वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच, फेक न्यूज, पब्लिक ऑर्डर और देश विरोधी गतिविधियां में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. आपको बता दें कि पिछले दिनों SC के जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने सरकार को तीन हफ्ते के अंदर सोशल मीडिया के मिसयूज के लिए गाइडलाइन जारी करने के लिए कहा था.
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