हिंसा रोकने के लिए बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए या नहीं ? 20 जून को 'सुप्रीम' सुनवाई
हिंसा रोकने के लिए बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए या नहीं ? 20 जून को 'सुप्रीम' सुनवाई
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्रदेश में केंद्रीय बल तैनात करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर अब 20 जून को सुनवाई की  जाएगी। बता दें कि, पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद से ही बंगाल में लगातार हिंसा हो रही है, राज्य में अब तक अलग-अलग सियासी दलों के 7 नेता-कार्यकर्ता की हत्या हो चुकी है। 

वहीं, ममता सरकार राज्य में लगातार हिंसा होने के बावजूद केंद्रीय बलों की तैनाती का विरोध कर रही है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनज़र कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार (15 जून) को निर्वाचन आयोग को 48 घंटे के अंदर सुरक्षाबलों की तैनाती के लिए केंद्र को एक अनुरोध भेजने का निर्देश दिया था। जिसके खिलाफ, शुक्रवार (16 जून) को राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) के वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार के कानूनी सलाहकारों के साथ मीटिंग में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया गया था। 

बता दें कि, भाजपा MLA विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने अपने 13 जून के आदेश में कहा था कि संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने और केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश का पालन नहीं किया गया है और न ही इस संबंध में कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के सामने दलील दी कि संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने में कुछ दिन लग सकते हैं। 

इस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि हमारा विचार है कि और अधिक इंतज़र करने से स्थिति को और अधिक नुकसान होगा और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनाए रखने में मदद नहीं मिल सकेगी। हाई कोर्ट ने पाया कि संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने में प्रशासन की तरफ से ढिलाई बरती गई है और SEC ने 13 जून के निर्देशों को लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 15 जून को बंगाल में केंद्रीय बल तैनात करने का आदेश दिया था और कहा था कि, राज्य चुनाव आयोग 48 घंटे यानी 2 दिनों के अंदर इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध करे। लेकिन, ममता सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है और अब सुप्रीम कोर्ट 20 जून को सुनवाई में यह फैसला करेगी कि, बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए या नहीं ? बता दें कि, 8 जुलाई 2023 को बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना है और 11 जुलाई को मतगणना की जाएगी। 

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