लखनऊ : उत्तरप्रदेश की राजनीति में जमकर बवाल मच रहा है। सपा के कई नेता बिखर रहे हैं। ऐसे में कुछ मंत्रियों को कैबिनेट से निकाला गया है तो दूसरी ओर कुछ नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल आशु मलिक को चांटा मारने के आरोप में राज्य के मंत्री पवन पांडे पर सपा ने कार्रवाई की है। मंत्री पवन पांडे को समाजवादी पार्टी से करीब 6 वर्ष के लिए निकाल दिया गया है लेकिन अभी उनका मंत्री पद बरकरार है। इस घटनाक्रम के बाद पार्टी में विवाद बढ़ गया है।
शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पवन पांडे को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग भी की है। अब सीएम अखिलेश यादव विधायकों और एमएलसी नेताओं की बैठक लेने वाले हैं। इस बैठक में यह मामला भी चर्चा में आ सकता है। पार्टी में रामगोपाल यादव की वापसी को लेकर भी विवाद है। दरअसल मुलायम सिंह यादव द्वारा यह कहा गया था कि रामगोपाल की बात का कोई अर्थ नहीं है जबकि अखिलेश यादव रामगोपाल को पार्टी मे वापस लाना चाहते हैं।
माना जा रहा है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तनातनी का सामना मंत्री पवन पांडे को करना पड़ा है। गौरतलब है कि पवन पांडे सीएम अखिलेश के करीबी माने जा रहे हैं। ऐसे में उन पर शिवपाल की कार्रवाई के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। सपा से पवन पांडे को निकाले जाने के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति में बड़ा बवाल मच गया है। माना जा रहा है कि सपा आने वाले विधानसभा चुनाव में कुछ कमजोर पड़ सकती है। पार्टी की अंर्तकलह पार्टी के विजयी अभियान को डूबो भी सकती है।