शिमला में उत्पाती बंदरों को मारने की मिली इजाजत
शिमला में उत्पाती बंदरों को मारने की मिली इजाजत
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शिमला : शिमला में बंदर के उत्पात को देखते हुए प्रशासन ने भी उन्हें मारने का आदेश दे दिया है। राज्य सरकार के बार--बार अनुरोध करने पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 6 माह के लिए बंदरों को मारने का आदेश पारित किया है। इसके बाद से शिमला नगर निगम के दायरे में लोग उत्पाती वानरों को मार सकेंगे। इस बात की पुष्टि वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने की।

शिमला में वानर संकट का एक बड़ा कारण बनते जा रहे है। वन विभाग इसके लिए लंबे समय से प्रयासरत था। हांला कि फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि इन वानरों को आम लोग मारेंगे या फिर वन विभाग का विंग खुद मारेगा। राज्य में 3 लाख से भी अधिक बंदर है, जो हर साल कृषि व बागवानी को 180 करोड़ का नुकसान पहुंचाते है। शिमला की मंडी में इनके हमले से दो व्यक्तियों की मौत भी हो गई है।

हर साल 12 हजार लोगों को ये बंदर काट खाते है। कई इलाकों में किसानों ने इसी कारण से खेती भी छोड़ दी थी। इतना ही नहीं वानर की यह समस्या चुनाव में पार्टियों के लिए हार का कारण भी बन रही थी। प्रदेश के 1,08,000 बंदरों का बांध्याकरण भी किया जा चुका है। राज्य सरकार ने पहले रेंजरों को लाइसेंस जारी करने की शक्तियां प्रदान की थीं,

जिसके तहत लोग ये लाइसेंस लेकर घातक जानवरों को मारने का प्रयास करते थे, मगर इस पर रोक लग गई थी। अब वन विभाग इस मामले में केंद्र की स्वीकृति को हाई कोर्ट के सामने रखेगा, जिसके बाद यहां बंदरों को मारने का काम शुरू होगा।

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