नई दिल्ली: शीना बोरा हत्याकांड में CBI ने सर्वोच्च न्यायालय में इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका का विरोध किया है. CBI ने कहा है कि इंद्राणी ने अपनी ही बेटी के क़त्ल का जघन्य अपराध किया है और वे किसी भी तरह की उदारता के लायक नहीं है. याचिकाकर्ता ने अपनी ही बेटी शीना बोरा का योजना बनाकर मर्डर किया है. इस प्रकार का वीभत्स कृत्य करने के बाद इंद्राणी, इस अदालत से नरमी की पात्र नहीं है.
CBI का कहना है कि यदि इंद्राणी को जमानत दे दी गई, तो वह गवाहों को धमकाएंगी या उन्हें प्रभावित करेंगी. जांच एजेंसी का कहना है कि इंद्राणी का जेल में उचित इलाज चल रहा है और उन्हें सिर्फ इसी आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती है. CBI ने आगे कहा कि, मुंबई के भायखला महिला कारागार के जेल अधिकारियों के पास किसी भी आपात स्थिति के लिए 24 घंटे चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं. भायखला जेल के अधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ता को उचित इलाज और उचित ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही कहा कि इंद्राणी और अन्य आरोपियों का अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त प्रमाण संदेह से परे हैं.
जांच एजेंसी ने आगे कहा कि अभियोजन को इस बात की प्रबल आशंका है कि ब्रिटिश नागरिक होने के चलते इंद्राणी के देश छोड़कर भाग सकती हैं. याचिकाकर्ता द्वारा किया गया अपराध प्रकृति में बेहद गंभीर है और वह चिकित्सा आधार पर इस अदालत से किसी भी प्रकार की दया की हकदार नहीं हैं. CBI ने आशंका जताई कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो वह फरार हो सकती हैं, जो ब्रिटिश नेशनल में आरोपी के रूप में मामले की जारी सुनवाई को गंभीर रूप से बाधित करेंगी. इसके साथ ही, वह अभियोजन साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं और अभियोजन पक्ष के गवाहों को डरा- धमका सकती हैं.
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