नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्दलीय विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कोर्ट से कर्नाटक में जल्द फ्लोर टेस्ट कराने का मांग किया था। निर्दलीय विधायकों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस से मामले पर सोमवार को ही सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट में जानबूझकर देरी की जा रही है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘असंभव।
हमने पहले ऐसा कभी नहीं किया है। हम कल इसपर विचार कर सकते हैं।’’ रोहतगी ने कहा कि शक्ति परीक्षण को किसी न किसी कारण से टाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब जद(एस) गठबंधन को पहले शक्ति परीक्षण का आदेश दिया जा सकता है तो, वही आदेश फिर से दिया जा सकता है। इसपर पीठ ने कहा, ‘‘हम कल देखेंगे।’’
कांग्रेस-जद(एस) सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने राज्य विधानसभा में जल्द से जल्द शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कोर्ट में अर्जी दी है। उन्होंने कहा कि उनके समर्थन वापस लेने और गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इधर बसपा सुप्रीमो ने गठवंधन के लिए राहत भरा ऐलान करते हुए कि उनका एकमात्र विधायक सरकार के पक्ष में वोट देगा। मायावती ने ट्वीट में कहा था कि कर्नाटक में बसपा के एकमात्र विधायक एन. महेश को कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोट करने के निर्देश दिए गए हैं।
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