अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक संभव नहीं- सुप्रीम कोर्ट
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक संभव नहीं- सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर अपना निर्णय दिया है, जहां फिल्मों में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक लगाने को अनुचित बताया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "एन इंसिग्निफिकेंट मैन" की रिलीज पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

नचिकेता ने कोर्ट में याचिका दर्ज कर अरविंद केजरीवाल के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री "एन इन्सिगनिफिकेंट मैन" के एक दृश्य पर आपत्ति उठाते हुए इसकी रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की थी. दरअसल 2013 में  नचिकेता ने केजरीवाल के ऊपर स्याही फेंकी थी, इस दृश्य को फिल्म के ट्रेलर में दिखाया जा रहा था.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.एम.खानविलकर, डी.वाय.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि “फिल्म, नाटक, उपन्यास और किताब लेखन एक सृजनात्मक कला है, कोई भी रचनात्मक व्यक्ति अपने विचारों को अपनी कला के माध्यम से व्यक्त कर सकता है. उसे इससे रोका नहीं जाना चाहिए.” कोर्ट ने कहा कि “इस तरह के मामलों में आदेश देने में अदालत का रवैय्या अत्यधिक निष्क्रिय होना चाहिए. क्योंकि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया जा सकता है.” इस आदेश का असर पद्मावती की रिलीज़ पर भी होने की संभावना है.

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