पटना: साहित्य अकादमी तथा पद्मश्री पुरस्कारों से नवाजे गए दया प्रकाश सिन्हा की पुस्तक पर हंगामा बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि पुस्तक में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की तुलना क्रूर शासक औरंगजेब से किए जाने के केस में पटना में मुकदमा दर्ज हो गया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने केस में पटना के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मामले में नफरत फैलाने के आरोप के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
वही इससे पहले दया प्रकाश के बयान पर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आपत्ति व्यक्त की थी। ललन सिंह ने बताया था कि प्रियदर्शी सम्राट अशोक मौर्य बृहत एवं अखंड भारत के निर्माता थे। उनके बारे में अपमानजनक शब्दों का उपयोग असहनीय है। इसके क्षमा भी नहीं दी जा सकती। तत्पश्चात, JDU नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भी मसले को उठाया।
वही डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी ट्वीट कर बताया कि हम अहिंसा एवं बौद्ध धर्म के प्रवर्तक सम्राट अशोक की कोई भी तुलना औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से करने की सख्त निंदा करते हैं। सम्राट अशोक पर जिस लेखक ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, उनका आज न बीजेपी से कोई संबंध है तथा न उनके बयान को बिना कारण तूल देने की आवश्यकता है। इस बीच बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी बृहस्पतिवार को मामले में कूद पड़े। मांझी ने ट्वीट किया कि कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान केवल इसलिए कर रहें है कि वह पिछड़ी जाति से थे। ऐसे सामंती लोग नहीं चाहतें हैं कि कोई दलित, आदिवासी तथा पिछड़ों का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे। राष्ट्रपति से अपील है कि हमारे शौर्य के प्रतीक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापस लें।
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