इंदौर : हिट एंड रन मामले न्यायपालिका ने फैसला सुना दिया है और इसके आरोप में फंसे फ़िल्म अभिनेता सलमान खान बाइज़्ज़त बरी कर दिए गए । लेकिन 13 साल से अदालती चक्रव्यूह में फंसे हिट एंड रन मामले में अचानक सलमान का रिहा होना आँख में कंकड़ की तरह खटकता है। इस केस का फैसला सवालो के उस चौराहे पर खड़ा है जिसका एक रास्ता पीडितो के परिवार वालो के घर तक जाता है जिनकी उम्मीदों पर मुंबई हाई कोर्ट ने ताले जड़ दिए है। और दूसरा रास्ता न्याय प्रणाली की तंग गलियो से गुज़रता है। जहा अब सिर्फ सवालिया निशान खड़े है। मुंबई की सेशन कोर्ट ने हिट एंड रन केस में सलमान के लिए पांच वर्ष की सजा मुकर्रर की थी। लेकिन 10 दिसम्बर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के इस फैसले को पूरा का पूरा पलट दिया और सलमान आज़ाद हो गए।
जिन सबूतो को देखकर सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई थी उसे मुंबई हाई कोर्ट ने सही नही माना। इस फैसले से सलमान तो बरी हो गए लेकिन जो इस हादसे का शिकार हुए उन पीडितो के परिजनों का क्या होगा? अगर सलमान बेगुनाह है तो फिर अपराधी कौन है?
आइए अब नज़र डालते है इस मामले पर-
साल 2002 और 27-28 सितंबर की दरमियानी रात जब मुंबई के बांद्रा की अमेरिकन लॉन्ड्री सामने बेकरी में काम करने वाले चार-पांच मजदुर नींद के आगोश में थे तब सलामन की लैंडक्रूजर कार ने उन्हें कुचल दिया जिसमे एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार बुरी तरह जख्मी हो गए। इस मामले में सलमान को आरोपी बनाकर कटघरे मे खड़ा किया गया। और लापरवाही से गाड़ी चलाने का मुकदमा दर्ज़ किया गया। लेकिन बॉलीवुड का दबंग पुलिस स्टेशन से जमानत पर छुट कर बाहर आ गया।
किन किन धाराओं में चला मुकदमा-
इस घटना के बाद सलमान पर धरा 304 (ए) - लापरवाही के तहत किसी की मौत, धारा 279 - लापरवाही से गाड़ी चलाना, धारा 337 - अपनी किसी हरकत से दूसरे को चोट पहुंचाना या जान जोखिम में डालना और धारा 338 - अपनी किसी हरकत से दूसरे को गंभीर चोट पहुंचाना या जान जोखिम में डालना जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज़ हुआ। पाटिल के पूरक बयान और खून के सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद सलमान पर नई धारा 304 (2) तहत मुकदमा दर्ज़ किया गया।
आइए नज़र डालते हैं सलमान के केस से जुडी कुछ तारीखों पर-
- 7 अक्टूबर 2002 को बांद्रा पुलिस ने फिर से सलमान को गिरफ्तार किया।
- 21 अक्टूबर 2002 मुंबई पुलिस ने फाइल चार्ज शीट बांद्रा अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत की।
- 24 अक्टूबर 2002 सलमान जमानत के तोर पर बाहर आ गए।
- मार्च 2003 अदालत सत्र में सलमान ने IPC की धारा 304-II के आवेदन को चुनौती दी।
- अक्टूबर 2003 महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
- अक्टूबर 2006 सलमान के खिलाफ आरोप मजिस्ट्रेट फ्रेम्स।
- 3 अक्टूबर 2007 पुलिस अंगरक्षक रवींद्र पाटील जिसने पहली FIR दायर की, अचानक उसकी मौत हो जाती है।
- 27 अप्रैल 2014 सत्र न्यायालय में पहली गवाही साक्षी ने दी
- सितम्बर 2014 प्रदीप घरत को इस मामले में विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया।
31 मार्च 2014 सलमान के चालक अशोक सिंह गवाह के रूप में कहते हैं की सलमान कार नही चला रहा था।
20 अप्रैल 2014 इस मामले में तर्क निष्कर्ष निकाले गए।
21 अप्रैल: अदालत कहते हैं यह 6 मई को निर्णय देना होगा
8 मई 2014 बंबई हाई कोर्ट ने सलामन की 5 साल की सजा निलंबित की।
10 दिसंबर 2015 को इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एआर जोशी ने सलमान को रिहाई का फैसला सुना दिया।
कौन थे पाटिल?
सलमान के बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल पुलिस कॉन्सटेबल थे। सलमान ने शिकायत की थी कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिल रही हैं इसके बाद पाटिल को बतौर बॉडीगार्ड सलमान की ड्यूटी में लगाया गया था। 13 साल पहले इस मामले में सबसे पहले FIR दर्ज़ करवाने वाला पाटिल ही था। उन्होंने ही बतौर चश्मदीद गवाही दी थी।
2007 में पाटिल की मौत हो गई।
पाटिल ने क्या दिया था बयान?
- 28 सितंबर 2002 को पाटिल ने बयान दिया की मैं सलमान खान के बॉडीगार्ड की ड्यूटी पर था। मुझे उनके साथ ही रहना था। वे (होटल से) रात करीब 2.15 बजे बाहर निकले।
- सलमान ड्राइविंग सीट पर बैठे। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे कार चला पाएंगे? लेकिन उन्होंने मेरे सवाल को नजरअंदाज कर दिया।
- वे 90-100 किमी/घंटा की रफ्तार से कार चला रहे थे। हिल रोड पर पहुंचने से पहले एक चौराहे पर मैंने उनसे कार धीमी करने को कहा क्योंकि आगे राइट टर्न आने वाला था। उन्होंने मुझे फिर नजरअंदाज कर दिया।
- टर्न लेते समय उन्होंने कार पर कंट्रोल खो दिया और गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ा दी। इसके बाद सलमान भाग गए।
पाटिल के बयान को निराधार मानकर कोर्ट ने फैसला तो सुना दिया लेकिन 13 साल से इस मामले के पीड़ित लोग और उनके परिजनों का क्या? अगर सलमान गाड़ी नही चला रहे थे तो फिर कौन शख्स कार में बैठा था। क्या कोर्ट उस अपराधी को ढूंढकर सजा दे पाऐगा जो सलमान की लैंड क्रूज़र कार को चला रहा था।