भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) अपने कार्य में विस्तार करना चाहता है, जिसके लिए इस संस्था का नाम बदला जायेगा. शुक्रवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को पुनर्गठित करके अधिक पेशेवर बनाया जाएगा, इसलिए इस संस्था के नाम से प्राधिकरण शब्द हटाया जाएगा, क्योंकि इस क्षेत्र में इसके लिए कोई जगह नहीं है.
उल्लेखनीय है कि सरकार भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में 2022 तक कर्मचारियों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी करना चाहती है. अभी साई के बजट का अधिकतर भाग खेल के आलावा अन्य कार्यों पर खर्च होता है. अब इस संस्था को पुनर्गठित करके अधिक पेशेवर बनाया जाएगा. राठौड़ के मुताबिक खेल सेवा से जुड़ा है, सरकार कई कदम उठाने वाली है और स्कूली छात्रों के बीच खेल संस्कृति विकसित करना चाहती है. सरकार की योजनुसार देश में अगले साल 8 से 18 साल की आयु की युवा प्रतिभा को चुनने के लिए प्रतिभा खोज अभियान शुरू किया जायेगा. इन चुने हुए खिलाड़ियों को उनके स्कूलों में ही खेल और शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध की जाएगी.
बता दे कि अभी खिलाड़यों को नौकरियों में पांच प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाता है, लेकिन सरकार खिलाड़ियों के लिए कोटा तय करने वाली है. इस बारे में खेल मंत्री ने कहा कि ''हम चाहते हैं कि खिलाड़ियों के लिए न्यूनतम कोटा तय किया जाए. अगर कोई ओलिंपिक में मेडल जीतता है तो उन्हें ग्रेड-ए की नौकरी में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए.''
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