नागपुर : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक ने आज विजयादशमी पर्व के अवसर पर रेशीमबाग मैदान में आयोजित किए गए आरएसएस के कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा कि 90 वर्ष पहले आरएसएस की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले देश में निराशाजनक वातावरण था। रोजी - रोटी की चिंता अब नहीं है। एक विश्वास का माहौल भी सभी के बीच बना है। विश्वास का वातावरण पूरे देश में सभी को देखने को मिला है। समूचे विश्व को एक उत्कृष्ट भारत का निर्माण करके देना है इस हेतु सारे देश में विश्वास का वातावरण बनेगा।
उन्होंने कहा कि भारत का योग जगत मान्य हो गया। भारत की गीता सर्वमान्य हो गई। उन्होंने कहा कि शोषण मुक्त समाज का निर्माण हो ऐसा प्रयास किया जा रहा है। आरएसएस के सरसंघ चालक डाॅ. मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश में विकास की यात्रा जारी है। भारत से विश्व के सभी राष्ट्रों, संस्कृतियों से आत्मीयता का नाता रखा है। उन्होंने कहा कि जब भी कभी विश्व में परेशानी आती है तो भारत दौड़ पड़ता है। नेपाल में जिस तरह की विपदा आई उसमें भारत दौड़ पड़ा।
उन्होंने कहा कि हमें हमारी विचारधारा को समझना होगा। भारत ने मालदीव की मदद की। विश्व के बंधक नागरिकों को छुड़वाया। उन्होंने कहा कि देश में विश्वास का माहौल बना है कि अब कुछ हो रहा है। दुनिया की उम्मीदें भारत से बढ़ी हें। डाॅ. भागवत के संभाषण का सीधा प्रसारण दूरदर्शन से किया गया। आरएसएस के सरसंघ चालक डाॅ. मोहन भागवत ने कहा कि उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा है कि सारे विश्व से जो अच्छे नेता हैं उन्हें एक साथ लाया जाए।
हम शाश्वत मूल्यों के आधार पर कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर्यावरण का ध्यान रखने की बातें परंपरा में थी। उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति तो आध्यात्मिक उपासना का एक रास्ता है। उल्लेखनीय है कि दूरदर्शन पर लगातार दूसरे वर्ष अपने संबोधन का सीधा प्रसारण किया गया। उल्लेखनीय है कि विजयादशमी की तिथि से ही आरएसएस की स्थापना का पर्व माना जाता है।