रूप चौदस: इस चीज को तेल में मिलाकर मालिश करने से नष्ट हो जाते हैं पाप, श्रीकृष्ण भी हुए थे पापमुक्त
रूप चौदस: इस चीज को तेल में मिलाकर मालिश करने से नष्ट हो जाते हैं पाप, श्रीकृष्ण भी हुए थे पापमुक्त
Share:

हर साल आने वाली छोटी दिवाली यानी रूप चौदस इस साल 3 नवंबर को है। रूप चौदस को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मालिश के तेल में एक चीज को मिलाकर स्नान करने से अनेक पापों का नाश हो जाता हैं और व्यक्ति की रंगत में निखार आता है। केवल यही नहीं बल्कि इसी चीज को तेल में मिलाकर भगवान श्रीकृष्ण ने भी मालिश कर स्नान किया था और उसी के बाद उन्हें नरकासुर वध के पाप से मुक्ति मिली थी। आइए जानते हैं इसके बारे में।

क्या मिलाना है तेल में- रूप चौदस के दिन भगवान की भक्ति व पूजा के साथ स्वयं के शरीर की देखभाल भी बहुत जरुरी होती है। कहा जाता है रूप चौदस का दिन स्वास्थ्य के साथ सुंदरता और रूप की आवश्यकता का सन्देश देता है। ऐसे में इस दिन सुबह जल्दी उठकर शरीर पर तेल की मालिश करने का विधान हैं। कहते हैं रूप चौदस के दिन तेल में पीली हल्दी, गेहूं का आटा और बेसन का उबटन बनाकर पूरे शरीर पर इसकी मालिश करना चाहिए और इसके बाद स्नान करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से अनेक पापों का नाश हो जाता हैं एवं शरीर की सुंदरता में तेजी से निखार आता है।

वहीं शास्त्रों की कथानुसार जब भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और वध के बाद रूप चौदस के दिन तेल में पीली हल्दी, गेहूं का आटा एवं बेसन मिलाकर मालिश कर स्नान किया था, जिससे नरकासुर के वध के पाप से वे मुक्त हो गये थे। उसी के बाद से यह प्रथा शुरू हो गई थी। कहते हैं इस दिन यह स्नान करने वालों को नरक से भी मुक्ति मिल जाती है, इसी के चलते इसे नरक चतुर्दशी भी कहते है।

धनतेरस से लेकर दिवाली और भाई दूज तक, जानिए पंचदिवसीय त्यौहार के शुभ मुहूर्त

MP: धनतेरस से लेकर 5 दिनों तक इस मंदिर में नकदी-ज्वेलरी रखने से मिलता है दुगना

साड़ी टिप्स: अगर नहीं टिकता सिर पर पल्लू तो अपनाए यह टिप्स

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -