मुंबईः देश की दिग्गज तेल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की बीपी ने र्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी6 ब्लॉक में निको रिर्सोसेज की 10 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है। कंपनी के इस कदम को सरकार के तरफ से मंजूरी भी मिल गई है। निको रिर्सोसेज इस ब्लॉक में रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की बीपी की भागीदार थी। रिलायंस और बीपी ब्लाक में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी के अनुपात में निको की हिस्सेदारी ली है। इस अधिग्रहण के बाद रिलायंस की केजी-डी6 में हिस्सेदारी बढ़कर 66.67 फीसदी हो गई, जो पहले 60 फीसदी थी। तो बीपी की हिस्सेदारी मौजूदा 30 फीसदी से बढ़कर 33.33 फीसदी हो गई।
दरअसल निको केजी-डी6 में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी के लिए संभावित खरीदार या आर संकुल, उसके आसपास के संकुल और एमजे विकास परियोजनाओं में अपनी पांच अरब डॉलर हिस्सेदारी के लिये वित्त पोषण को लेकर कर्जदाता तलाशने में विफल रही है। इससे पहले, कंपनी कर्जदाताओं को कर्ज लौटाने में चूक कर चुकी है। इसके कारण कंपनी अक्टूबर 2018 की शुरुआत में विकास लागत में अपने हिस्से का भुगतान नहीं कर सकी। सूत्रों के मुताबिक केजी-डी6 ब्लॉक की परिचालक रिलायंस ने चूक के तुंरत बाद कंपनी को नोटिस दिया।
केजी-डी6 उत्पादन साझेदारी अनुबंध में भागीदारों के बीच संयुक्त परिचालन समझौता के नियम व शर्तों के तहत निरंतर चूक की स्थिति में संबंधित इकाई (चूककर्ता इकाई) के पास आय की हिस्सेदारी का अधिकार नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक अधिग्रहण के खिलाफ निको ने मध्यस्थता का नोटिस दिया है। मगर मंत्रालय ने इसे दरकिनार करते हुए इसे मंजूरी दे दी।
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