नई दिल्ली: कोरोना के इलाज या उससे बचाव के लिए जरूरी वस्तुओं एवं उपकरणों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जारी रखने के लिए कांग्रेस ने बीते शनिवार को सरकार पर निशाना साधा है। जी दरअसल पार्टी ने महामारी की बेहद गंभीर दूसरी लहर के बाद ऐसी कुछ वस्तुओं पर जीएसटी में कमी को दिखावटी करार दिया। अब इसी बीच कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि, ''जैसे न्याय में देरी न्याय से वंचित करना है, वैसे ही राहत में देरी भी राहत से वंचित करना है।''
As Justice delayed is justice denied,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 12, 2021
Relief delayed is also relief denied !
As lakhs died between Feb-May 2021, Modi Govt-FM-GST Council ignored repeated pleas to reduce GST rates.
Post the mayhem & deaths, the belated wake up call is empty lip service! pic.twitter.com/Tkd1yQvgVE
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, ''फरवरी से मई, 2021 के बीच लाखों लोगों की मौत हो गई, लेकिन मोदी सरकार, वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी दरों में कमी के बार-बार किए गए अनुरोधों को अनदेखा किया। तबाही और मौतों के बाद देरी से कार्रवाई महज दिखावा है।'' इसके अलावा उनके पार्टी सहयोगी जयराम रमेश ने यह भी कहा कि, ''पूरे जीएसटी ढांचे को नष्ट करने की हद तक विकृत कर दिया गया है। मेरे पार्टी सहयोगी और पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में अपनी चिंता व्यक्त की।'' वही दूसरी तरफ मनप्रीत बादल ने भी एक ट्वीट किया है।
इस ट्वीट में उन्होंने कहा, ''सदी के सबसे बड़े संकट में जीएसटी काउंसिल के मंत्रियों के समूह को शहंशाह की तरह काम करना बंद करना चाहिए। कोरोना जीएसटी की दर शून्य होनी चाहिए और कोरोना की छूटों को अगस्त, 2021 में खत्म मत कीजिए।'' इन सभी के अलावा बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने यह आरोप लगाया है कि, 'जीएसटी काउंसिल ने सहकारी संघवाद के एकमात्र निकाय की धीमी मौत देखी है।'
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