केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बोला है कि यदि हम उन्नत तकनीक तैयार करने की उपलब्धि प्राप्त कर ले, तब ही भारत एक सुपरपावर बना सकता है। जहां इस बारें में उन्होंने आगे कहा इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी देश को शोध और नवाचार में प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राजनाथ यहां रक्षा उन्नत तकनीक संस्थान (DIAT) में छात्रों और शोधकर्ताओं से वार्तालाप की। DIAT रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) का डीम्ड विश्वविद्यालय है। उन्होंने बोला है कि रक्षा मंत्रालय ने सैन्य बलों, उद्योगों व शिक्षाविदें के साझा कोशिश के माध्यम से अनुसंधान व नवाचार में प्रगति करने की कुछ पहल को शुरू कर दिया है। यह केवल आपसी समझ और ज्ञान व सर्वोत्तम प्रथाएं साझा करने से ही संभव हो चुका है।
अपनी बात को जारी रखते हुए रक्षा मंत्री ने आगे कहा- रक्षा मंत्रालय ने आईडीईएक्स (इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस) नाम का प्लेटफार्म स्थापित किया है ताकि नई प्रतिभाओं को सुरक्षा बलों के जवानों से अनुभव व इनपुट शेयर करने में सहायता मिलेगी। इस परियोजना के लिए केंद्र गवर्नमेंट ने 1,000 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए है। जिससे इतर गवर्नमेंट ने एयरोस्पेस व रक्षा के क्षेत्र में नवाचार व शोध के लिए भी 500 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए है, जिनसे 300 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों की सहायता की जा रही है।
रक्षा मंत्री ने नागपुर की एक निजी कंपनी की तरफ से पांच माह के अंदर इंडियन फाॅर्स को एक लाख से अधिक हथगोले डिलीवर करने का जिक्र किया और कहा, यह कंपनी वही हथगोले इंडोनेशिया को निर्यात करने का काम कर रही है। लेकिन इंडिया को लागत 3400 रुपये प्रति हथगोला पड़ रही है, जबकि इंडोनेशिया को 7000 रुपये प्रति हथगोला के हिसाब से निर्यात किया जा रहा था। उन्होंने बोला है कि मेरा मुद्दा यह है कि तकनीक में उन्नति हासिल करने से भारत एक आर्थिक सुपर पावर बन सकता है।
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