काका मतलब सदी का महानायक, जिनके सामने अमिताभ को भी करना पड़ा साइड रोल
काका मतलब सदी का महानायक, जिनके सामने अमिताभ को भी करना पड़ा साइड रोल
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बाबु मोशाय ज़िंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है जहापनाह ! उसे न तो आप बदल सकते है और न मै, हम सब तो रंगमंच की कठपुतिलिया है, जिनकी डोर ऊपर वाले की उंगलियो मे बंधी है. कब कौन कैसे उठेगा, यह कोई नही बता सकता है... हा हा हा !

राजेश खन्ना एक ऐसा नाम जिसने फ़िल्मी दुनिया मे सुपर स्टार होने की नींव रखी. साल 1942 मे 29 दिसंबर को काका का जन्म हुआ था. संयोग और कुदरत का करिश्मा तो देखिए कि जिस तारीख को काका का जन्मदिन आता उसी तारीख को उनकी बेटी और बॉलीवुड की खुबसूरत एक्ट्रेस ट्विंकल खन्ना का भी जन्मदिन आता है. राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना है. जब दिलीप कुमार, देवानंद और राजकपूर की तिकड़ी ढलान पर थी और सत्तर के दशक में हिंदी सिनेमा एक नए चहरे को तलाश कर रहा था तब काका ने बॉलीवुड में कदम रखा. आराधना जैसी सुपरहिट फिल्म देकर काका ने संकेत दे दिए कि वो वाकई सदी के सुपर स्टार है. उस समय हर कोई बस यही गुनगुनाता रहा था. मेरे सपनो की रानी कब आएगी.

यही से काका के फैन्स का कारवां शुरू हुआ जो आज भी बरक़रार है इसीलिए उन्होंने कहा है- फैन्स क्या होते है ये मुझसे पूछो. प्यार का वो तूफान, मोहब्बत की वो अंधी. वो जज्बा, वो जूनून. हवा बदल सकती है लेकिन फैन्स हमेशा मेरे रहेंगे. बाबु मोशाय, मेरे फैन्स मुझसे कोई नही छीन सकता.. काका एक ऐसे स्टार थे जिन्होंने आनंद बनकर लगातार एक के बाद एक 17 फिल्मे सुपरहिट दी थी. काका की बादशाहत तभी शुरू हो गई जब वे 1965 के टेलेंट हंट मे 10 हजार लोगो मे से अकेले चुनकर हिंदी सिनेमा मे आए थे.

भले ही आज के दौर में सदी के महानायक अमिताभ को कहा जाता हो लेकिन 70 के दशक मे अमिताभ को काका की फिल्म मे साइड रोल करना पड़ा था. वो इसलिए क्योकि उस समय बॉलीवुड की रियासत मे सिर्फ काका का ही सिक्का चलता था. उनके डायलॉग की छाप आज भी इतनी बुलंद है कि आज भी जब को कोई लड़की रूठ जाती है तो लड़का कहता है, पुष्पा.. Hate Tears.... लड़कियों के सिर पर काका कि दीवानगी इस कदर थी की जब वह बीमार पड़े तो उस समय लड़कियों ने काका की तस्वीरों की बर्फ से सिकाई की थी. ये किस्से आम है कि जब काका बाहर निकलते थे तो लड़कियां उनकी गाड़ी को चूमकर लिपस्टिक से लाल कर दिया करती थी. इतना ही नही वह अपने खून से काका के लिए लव लेटर लिखा करती थी. राजेश खन्ना के लिए यह कहना गतल नही होगा कि काका मतलब रोमांस का किंग.

काका ने कहा-

मौत तो एक कविता है, मुझसे एक कविता का वादा है.
डूबती नब्जो मे जब दर्द को नींद आने लगे, ज़र्द सा चहरा लिए चाँद उफ़क तक पहुचे. 
दिन अभी पानी की तरह हो, रात किनारे के करीब .
 न अँधेरा, न उजाला हो. न अभी रात
 न दिन जिस्म जब ख़त्म हो और रूह को जब सांस आए 
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको..

राजेश खन्ना की कुछ सुपरहिट फिल्मे..

काका कभी भी राज, बहारो के सपने, आराधना, दो रास्ते, सफर, खामोशी, कटी पतंग, आन मिलो सजना, आनंद, सच्चा झूठा, दुश्मन, महबूब की मेहंदी, हाथी मेरे साथी, अंदाज, मर्यादा, जानवर, सौतन, अवतार, अगर तुम न होते, थोड़ी सी बेवफाई, कुदरत, पापी पेट का सवाल, धर्म कांटा.

 

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