जयपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए दिल्ली में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, मगर, सबसे तेजी से हवा राजस्थान में बदलती नज़र आ रही है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। इसे देखते हुए उनके खेमे में के मंत्री और MLA अब नई सरकार में रुतबा बनाए रखने के लिए जुगत भिड़ाने लगे हैं। गहलोत के बाद राजस्थान की गद्दी सचिन पायलट के पास जाना भी तय माना जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे अशोक गहलोत ने कहा था कि उनके उत्तराधिकारी का फैसला पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने 25 सितंबर को यानी आज होने वाली राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के महासचिव अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाया है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के हाईकमान ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उदयपुर घोषणा में अपनाए गए "एक आदमी एक पद" सिद्धांत का पालन किया जाना है।
कांग्रेस पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'कांग्रेस अध्यक्षा ने अजय माकन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्त किया है। 25 सितंबर को शाम सात बजे AICC के सचिव, राजस्थान के प्रभारी, राजस्थान विधान सभा के कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक होगी।' वहीं, बीते 48 घंटों में जयपुर में सियासी समीकरण तेजी से बदले हैं। अशोक गहलोत का समर्थन कर रहे MLA और मंत्री अब सचिन पायलट के खेमे में जगह पाने की कोशिश करते नज़र आ रहे हैं।
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