जयपुर: राजस्थान में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर सूबे की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, मीणा जयपुर में पुलवामा हमले की वीरांगनाओं की समस्याओं के निराकरण को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. मीणा, पुलवामा हमले में शहीद हुए हेमराज और 2 शहीदों के परिवार वालों के साथ पहले विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे थे, जहां पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद किरोड़ी लाल मीणा विधानसभा के सामने से उठकर अमर जवान ज्योति पर धरना देने लगे. मीणा का कहना है कि 4 साल से अधिक वक़्त हो चुका है, मगर अब तक राज्य सरकार ने वीरांगनाओं के साथ किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जब तक सीएम गहलोत वीरांगनाओं से मिलकर इनकी लंबित मांगों को पूरा नहीं करेंगे, हम यहीं धरना देते रहेंगे.
प्रदेश सरकार शहीद परिवारों से किए गए वादों को नहीं निभा रही है।शहीद हेमाराम मीना व दो और शहीदों के परिवारों के साथ विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरने पर बेठा हूं।सरकार को मां भारती के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वालों के परिवारों से किए वादों पर तुरंत अमल करना चाहिए 1/2 pic.twitter.com/LM3Q3JJ4l9
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) February 28, 2023
उल्लेखनीय है कि इससे पहले किरोड़ी लाल ने राशन डीलरों की समस्याओं को लेकर मंगलवार (28 फ़रवरी) को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के साथ भी मुलाकात की थी. इस दौरान खाचरियावास ने राशन डीलरों की समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस दौरान आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार ने वीरांगनाओं के लिए जो पैकेज का ऐलान किया था और उनमें जो भी वादे किए गए थे, उसमें एक भी वादा आज तक पूरा नहीं किया गया है. मीणा ने कहा कि अब तक शहीदों की मूर्ति नहीं लग पाई है और ना ही उनके गांवों में सड़कें बनी हैं. इसके साथ ही शहीदों के परिवार वालों को सरकारी नौकरी और आर्थिक पैकेज भी नहीं दिए गए हैं.
बता दें कि इससे पहले किरोड़ी लाल मीणा ने पेपर लीक मामले में राजधानी जयपुर में धरना प्रदर्शन किया था, वह पेपर लीक मामले में CBI जांच करवाने की मांग कर रहे थे. गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर 78 बसों में सवार होकर CRPF के 2500 जवानों का काफिला गुजर रहा था, जहां पुलवामा में सामने से आ रहा एक वाहन, जवानों के काफिले से टकरा गया, जिसके बाद हुए धमाके में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे, बलिदान होने वालों में राजस्थान के भी 5 जवान शामिल थे. मंगलवार को धरने पर बैठी शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला ने मीडिया को बताया है कि शहादत के चार वर्ष गुजर जाने के बाद भी गांव में उनके पति की प्रतिमा नहीं लगाई गई है और सरकार के मंत्रियो ने जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं किया गया है.
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