जवान आंखों के जुगनू चमक रहे होंगे, अब अपने गांव में अमरूद पक रहे होंगे। कुछ इस तरह का अंदाज़ है लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी का, जी हां, अपनी शायरी के फन से राहत इंदौरी ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया। फिल्मी दुनिया में गीतों की रचना कर उन्होंने मध्यप्रदेश का नाम माया नगरी में चमकाया। इंदौर में 1950 में जन्मे राहत इंदौरी का जन्म रिफत उल्ला कुरैशी के यहां हुआ था।
बचपन से ही उन्हें पढ़ने - लिखने में रूचि थी। उन्होंने उर्दू में एमए किया और इसके बाद उन्होंने पीएचडी की। पीएचडी करने के बाद डाॅ. राहत साहब ने करीब 16 वर्षों तक इंदौर विश्वविद्यालय में उर्दू की तालीम दी। कुछ समयa बाद वे मुशायरों में भागीदारी करने में व्यस्त हो गए। जिसके बाद उन्हें देशभर में होने वाले मुशायरों में निमंत्रित किया जाने लगा। यही नहीं वे अपने विद्यार्थी जीवन में फुटबाॅल और हाॅकी में भी दिलचस्पी लेते रहे।
लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी ने सउदी अरब, कराची, पाकिस्तान, मध्यप्रदेश, लुधियाना, बनारस, प्रयाग, हल्द्वानी, नईदिल्ली, लखनउ समेत कई क्षेत्रों होने वाले नामचीन समारोह में भागीदारी की। इस दौरान उन्हें डाॅ. जाकिर हुसैन अवार्ड, निशान ए एजाज, कैफी आजमी अवार्ड समेत कई तरह के अवार्ड प्रदान किए गए।