ये निकाय का नहीं, देश का चुनाव, इसमें सेना, सुरक्षा और आतंकवाद अहम् मुद्दे - पीएम मोदी
ये निकाय का नहीं, देश का चुनाव, इसमें सेना, सुरक्षा और आतंकवाद अहम् मुद्दे - पीएम मोदी
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नई दिल्ली: पीएम मोदी का कश्मीर को लेकर रवैया वही है, जो पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का रहा था. लेकिन समय से हिसाब से परिस्थितियां बदलती हैं. पीएम मोदी, अटल की नीति से अलग भी विचार कर सकते हैं. जहां अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों की तारीफ उनके विरोधी भी करते थे, वहीं पीएम मोदी हमेशा विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रहते हैं.

मीडिया से बात करते हुए कश्मीर को लेकर पीएम मोदी ने दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के 'इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत' के सिद्धांत पर ही चलने का वचन दोहराया, किन्तु यह साफ़ कर दिया कि घाटी के मुट्ठीभर सियासी परिवारों को प्रदेश को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल नहीं करने दिया जाएगा. किसी को भी कश्मीर की जनभावना के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा.

पीएम मोदी चुनावी जनसभाओं में कई बार कह चुके हैं कि उनके चुनावी मुद्दे में सेना, सीमा और आतंकवाद का मसला अछूता नहीं रहेगा. तभी पीएम मोदी ने कहा है कि, 'इस बार भी मेरा चुनावी मुद्दा गरीबों को घर, गैस, बिजली देने का है. मैं यही बात कहता हूं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है. ये नगर निकाय का चुनाव नहीं है, ये सम्पूर्ण देश का चुनाव है. देश के चुनाव में सेना भी आती है, सीमा भी आती है और आतंकवाद भी मुद्दा बनता है.'

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