Nov 13 2015 05:33 PM
लंदन। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लंदन में भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर दिए गए जवाब के बाद माना जा रहा है की नरेंद्र मोदी संसद के शीतकालीन सत्र में भारत में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर अपना बयान दे सकते है. संसंद के शीतकालीन सत्र को विपक्ष के द्वारा हंगामा मचाने से बचाने के लिए मोदी सरकार का मंथन चल रहा है की शीतकालीन सत्र के प्रारंभ में ही विपक्षी दलों को पूर्ण विश्वास में लिया जाए.
सरकार को अंदेशा है की संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष इस मुद्दे पर जबरदस्त रूप से अपनी आक्रामक शैली से हमला कर सकता है. तथा सरकार की मंशा है की इस मुद्दे पर विपक्ष के आक्रामक रवैये से पहले ही सरकार खुद इस मुद्दे पर अपना बयान दे दे. मोदी सरकार का कहना है की बिहार में जिस प्रकार से एनडीए का सूपड़ा साफ हुआ है व महागठबंधन की जीत हुई है.
इसके बाद विपक्षी दलों के तेवर और भी तीखे हो सकते है. ऐसे हालात में विपक्ष को शांत करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा इस रणनीति पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जा रहा है।
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