नई दिल्ली: सरकार के 2016 के नोटबंदी के कदम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रश्न खड़े किए। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पीएम ने अभी तक इस 'बड़ी विफलता' को स्वीकार नहीं किया है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था की खराब हालत हुई। विमुद्रीकरण की छठी वर्षगांठ से एक दिन पहले एक मीडिया रिपोर्ट पर खड़गे ने टिप्पणी की। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि लोगों के पास मुद्रा 21 अक्टूबर तक 30।88 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
अपने एक ट्वीट में खड़गे ने कहा, 'नोटबंदी से देश को काले धन से मुक्त करने का वादा किया गया था। मगर इसने व्यवसायों को नष्ट कर दिया तथा नौकरियों को बर्बाद कर दिया। 'मास्टरस्ट्रोक' के 6 वर्ष पश्चात् सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नकदी 2016 की तुलना में 72 प्रतिशत ज्यादा है।' मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'पीएम ने अभी तक इस नाकामी को स्वीकार नहीं किया है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था गिरी।
तत्पश्चात, हिंदी में ट्वीट कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि काला धन नहीं आया, केवल गरीबी आई तथा अर्थव्यवस्था कैशलेस नहीं हुई, कमजोर हुई। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण में, 'राजा' ने '50 दिनों' की बात करके अर्थव्यवस्था का 'डीमो-लाशन' किया। RBI के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर 2022 तक देश की जनता के पास नकदी बढ़कर 30।88 लाख करोड़ रुपये हो गई। जबकि 4 नवंबर, 2016 तक 17।7 लाख करोड़ रुपये चलन में थे। जनता के पास नकदी या मुद्रा का अर्थ उन नोटों एवं सिक्कों से माना जाता है, जिनका उपयोग लोग लेन-देन करने, व्यापार करने या सामान एवं सेवाओं को खरीदने के लिए करते हैं। प्रचलन में मुद्रा से बैंकों में जमा रुपयों को घटाकर ये आंकड़ा निकाला जाता है।
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