आप सभी को बता दें कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं और हिन्दू धर्म में पीपल का बहुत धार्मिक महत्व माना जाता है. ऐसे में आज हम अपको बताने जा रहे हैं इसके 5 बेहतरीन और चमत्कारिक लाभ.
1. जी दरअसल अथर्ववेद के उपवेद आयुर्वेद में पीपल के औषधीय गुणों का असाध्य रोगों में उपयोग करने के लिए बताया गया है. इसी के साथ औषधीय गुणों के कारण पीपल को 'कल्पवृक्ष' कहा जाता है. जी दरअसल पीपल के प्रत्येक तत्व जैसे छाल, पत्ते, फल, बीज, दूध, जटा एवं कोपल तथा लाख सभी प्रकार की आधि-व्याधियों के उपचार में काम आते हैं.
2. हिंदू धर्म में पीपल को अमृततुल्य मानते हैं और सर्वाधिक ऑक्सीजन निस्सृत करने के कारण इसे प्राणवायु का भंडार कहते हैं. वहीं सबसे अधिक ऑक्सीजन का सृजन और विषैली गैसों को आत्मसात करने की इसमें भरपूर क्षमता होती है.
3. कहा जाता है पीपल की छाया में ऑक्सीजन से भरपूर आरोग्यवर्धक वातावरण निर्मित होता है और इस वातावरण से वात, पित्त और कफ का खात्मा होता है.
4. जी दरअसल स्कन्द पुराण में वर्णित पीपल के वृक्ष में सभी देवताओं का वास है और महर्षि शौनक कहते हैं कि मंगल मुहूर्त में पीपल वृक्ष की नित्य तीन बार परिक्रमा करने और जल चढाने पर दरिद्रता, दु:ख और दुर्भाग्य का विनाश होता है.
5. शनिवार की अमावस्या को पीपल वृक्ष की पूजा और सात परिक्रमा करके काले तिल से युक्त सरसो के तेल के दीपक को जलाकर छायादान करने से शनि की पीड़ा खत्म हो जाती है.
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