नई दिल्ली : विदेशों में जमा काला धन देश में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों के तहत 6 हजार करोड़ रूपए के काले धन को विदेश भेजे जाने के मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की गई हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा काले धन घोटाले को लेकर कहा गया है कि 6 लोगों को पकड़ लिया गया है। जिसमें बैंक आॅफ बड़ौदा के दो अधिकारी, दो एक्सपोर्टर और दो बिचैलिये शामिल हैं। कालेधन को लेकर यह बात भी सामने आई है कि करीब 6 हजार करोड़ रूपए भारत से हांगकांग भेजे गए और फिर इस में से बड़ी राशि हांगकांग से भारत की ओर भेजी गई।
कालेधन पर देश के एक प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी समाचार चैनल ने अपनी स्पेशल रिपोर्ट पेश की थी। जिसके बाद इस मसले पर और तेजी से जांच की गई। दरअसल विदेशों में जमा काला धन सफेद करने के बाद भारत में भेजा जाता था। इसके एवज में विदेशी बैंकों में भी कुछ राशि जमा करवाई जाती थी।
हालांकि इस मामले में लिप्त लोगों के बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल सकी है। 6 हजार करोड़ रूपए के इस घोटाले के केस में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा बैंक आॅफ बड़ोदा के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित कई लोगों से पूछताछ की गई है। इस हेरफेर की बात सामने आने के बाद बैंक आॅफ बड़ौदा की अशोक विहार, दिल्ली शाखा के अंकेक्षक को हटा दिया गया है।
आॅडिटर का कार्य बैंक के लेन - देन को नज़र में रखना था। कहा गया है कि इसी शाखा से करीब 6 हजार करोड़ की अवैध राशि विदेश में भेज दी गई। यह राशि 59 कंपनियों के माध्यम से भेजी गई थी। इस मामले में सीबीआई जांच में जुटी है। सीबीआई द्वारा अशोक विहार शाखा के पूर्व प्रबंधक एसके गर्ग के साथ ही फाॅरेक्स का कार्य देखने वाले जैनेश दुबे के यहां भी छापामार कार्रवाई की।