पाकिस्तान ने दी भारत को SCO सदस्य बनने पर बधाई
पाकिस्तान ने दी भारत को SCO सदस्य बनने पर बधाई
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अस्ताना। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के सम्मेलन का आयोजन अस्ताना में शुक्रवार को हुआ। इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच चर्चा नहीं हुई मगर दोनों ने एससीओ को लेकर अपनी बातें कहीं। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को लेकर कहा कि यह मानव मूल्यों का सबसे बड़ा दुश्मन है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत को सदस्य राष्ट्र बनने पर शुभकामनाऐं दीं।

गौरतलब है कि 6 देशों के इस संगठन की शुरुआत 2001 में हुई थी। 2014 में इसकी फुल मेंबरशिप के लिए भारत ने आवेदन दिया था। वर्ष 2015 में रूस के उफा में एससीओ समिट हुई थी। इसमें भारत व पाकिस्तान को स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का प्रपोजल पास किया गया था। 2016 में एसीओ समिट उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुई थी। इसमें भारत और पाकिस्तान के एससीओ में शामिल होने के लिए कमिटमेंट मेमोरेंडम पर साइन किए थे।2015 में रूस के उफा में एससीओ समिट हुई थी।

इसमें भारत और पाकिस्तान को इस ऑर्गनाइजेशन में परमानेंट मेंबर के तौर पर शामिल किए जाने का प्रपोजल पास किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एससीओ देशों के साथ भागीदारी भारत की प्राथमिकता है। उन्होंने चीन के वन बेल्ट प्रोजेक्ट को लेकर भी अपना मत दिया। उन्होंने कहा कि सभी देशों को मिलकर आतंकवाद के प्रशिक्षण और आतंक की फंडिंग के विरोध में कार्य करना होगा।

गौरतलब है कि चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान,ताजिकिस्तान व किर्गिस्तान इस देश के स्थायी सदस्य हैं। समिट के दौरान .शुक्रवार सुबह मोदी और चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की भी मुलाकात हुई। दोनों ने ही अपने हितों पर चर्चा की। हालांकि भारत ने चीन में आयोजित हुई वन रोड वन बेल्ट काॅन्फ्रेंस का बहिष्कार किया था।

भारत पाकिस्तान के ग्वादर क्षेत्र से चीन की ओर बनने वाले अधोसंरचनात्मक क्षेत्र का विरोध करता रहा है। वन बेल्ट प्रोजेक्ट के तहत पीओके का क्षेत्र भी आता है ऐसे में भारत इसका विरोध करने में लगा है। भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता को प्रभावित कर सकता है। चीन भारत के लिए एनएसजी सदस्यता में एक बड़ा रोड़ा माना जाता रहा है। चीन का मत है कि भारत को परमाणु अप्रसार सेंधि पर हस्ताक्षर करने चाहिए यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसे सदस्यता नहीं दी जाना चाहिए।

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