इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बना पाकिस्तान, हिन्दू-सिख जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के लिए नरक बन चुका है, वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। कुछ महीनों पहले वहां चर्च व अहमदिया मस्जिदों को तोड़ा व जलाया गया था। इस बीच पड़ोसी मुल्क में सिख और हिंदू लड़कियों को किडनैप कर उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवाना भी जारी है। इस्लाम कबूल करवाए जाने के बाद जबरदस्ती ही नाबालिग लड़कियों का निकाह अधेड़ मुस्लिम लोगों से करवा दिया जाता है।
Another normal day for Hindu girls ???? in Pakistan ????????
— Shayan Ali (@ShayaanAlii) September 22, 2023
Two minor Hindu Girls with the name of Rani (15 years) and Amarkoy (12 years) was converted and got forcefully married.
Unfortunately, all the #hindu organizations around the world are sleeping and no one wants to own the… pic.twitter.com/vVcNkGPCwJ
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध में बीते एक हफ्ते में नाबालिग लड़कियों (13 से 16 साल उम्र) के अपहरण, इस्लाम कबूल करवाने के 3 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 12 साल की एक बच्ची सहित 2 का जबरन निकाह भी करा दिया गया है। तीनों मामलों में परिवार व अल्पसंख्यक समुदाय के दबाव के बाद पाकिस्तान पुलिस ने केस तो दर्ज किए, मगर कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सिंधी पीर सूफी गुरु ललन शाह से हिंदू लड़की अक्सा चांडियो अचानक गायब हो गई। अक्सा की आयु मात्र 16 साल है। अक्सा का परिवार सिंध में लोगों के घरों में काम कर अपना पालन पोषण करता है। अक्सा भी ऐसे ही लोगों के घरों में जाकर काम करती और परिवार का हाथ बंटा रही थी। परिवार को शक है कि उनकी बच्ची को किडनैप कर लिया गया है और अब उसे जबरदस्ती मुस्लिम बनाया जाएगा। ताकि मुस्लिम परिवार में उसका निकाह कराया जा सके। इस मामले में कराची में FIR तो दर्ज कर ली गई है, लेकिन पुलिस अभी तक उसे बरामद नहीं कर सकी है या फिर पुलिस ने कोशिश ही नहीं की है।
वहीं, हाल ही की एक घटना में दो नाबालिग हिंदू लड़कियों को किडनैप कर धर्म परिवर्तन करा दिया गया। इन दोनों युवतियों की अब मुस्लिम पुरुषों से निकाह भी करवा दिया गया है। इनमें से एक मीरपुरखास की रानी है, जिसकी उम्र महज 15 साल है। जबकि तीसरी बच्ची महज 12 वर्ष की दादली है। दादली उमरकोट सिंध की निवासी है। एक हफ्ते से इनके परिवार युवतियों को वापस लाने के लिए थानों के चक्कर लगा रहे हैं, किन्तु पुलिस भी कट्टरपंथियों का साथ देती नज़र आती है। पाकिस्तान पुलिस का कहना है कि इन युवतियों ने इस्लाम कबूल कर लिया है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते।