पाकिस्तान का एक और दिखावा ! 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हफ़ीज़ सईद को 31 साल की सजा
पाकिस्तान का एक और दिखावा ! 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हफ़ीज़ सईद को 31 साल की सजा
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आका हाफिज सईद  को 31 साल जेल की सजा सुनाई है। हाफिज सईद को यह सजा दो आतंकी मामलों में दी गई है। कोर्ट ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना पर जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले ऐसे पांच मामलों में 70 साल कट्टरपंथी मौलवी को पहले ही 36 वर्ष जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। उसे सुनाई गई 68 साल जेल की कुल सजा एक साथ चलेगी। एक वकील ने बताया कि संभव है सईद को अधिक साल जेल में नहीं बिताने पड़ें क्योंकि उसकी सजा साथ-साथ चलेगी। 

जानकारों का कहना है कि अदालत के सजा देने का सईद पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उसे जल्द ही नजरबंद कर दिया जाएगा और उसकी संपत्ति भी वापस कर दी जाएगी। कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को आतंकवाद निरोधक अदालत (ATC) के न्यायाधीश एजाज अहमद भुट्टर ने पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग द्वारा दर्ज दो FIR 21/2019 और 90/2019 में सईद को 31 साल की सजा सुनाई है। अधिकारी ने कहा कि 21/19 और 99/21 में उसे पहले भी क्रमशः साढ़े 15 साल और साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने आतंकी सईद पर 3.4 लाख पाकिस्तानी रुपयों का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से कोर्ट में लाया गया, जहां वह 2019 से कड़ी सुरक्षा में बंद है। बता दें कि हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने  वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है। सईद को 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल किया गया था। अमेरिका ने हाफिज सईद के सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा है। इसके बाद भी वह पाकिस्तान में खुलेआम घूमता रहता है।

बता दें कि 2008 में हुए मुंबई हमले में हाफिज सईद की अहम भूमिका रही है। इस आतंकी हमले में लगभग 164 नागरिक मारे गए थे जिसमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। हाफिज सईद भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर है। हाफिज सईद का 2006 में मुंबई ट्रेन ब्लास्ट और 2001 में संसद पर हुए हमले में भी हाथ है। अमेरिका, भारत, UK, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय यूनियन हाफिज सईद के संगठन लश्कर ए तैयबा और जमात उल दावा पर 2008 से ही बैन लगा चुके हैं। हाफिज सईद को पाकिस्तान सरकार कई बार अरेस्ट भी कर चुकी है, मगर कुछ समय बाद ही रिहा कर देती है। पाकिस्तान सरकर और पाकिस्तानी सेना द्वारा हाफिज सईद को सभी सुविधाएं दी जाती हैं।

बता दें कि, पाकिस्तान फिलहाल फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए तड़प रहा है। खुद पाकिस्तानी सेना अपने देश को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए पूरी जान लगा रही है। इसलिए पाकिस्तान दिखावा करने में जुटा है कि वह आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। मार्च में हुई FATF की पूर्णकालिक बैठक में भी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने पर ग्रे लिस्ट में ही रखने पर सहमति बनी थी। FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने उसकी 27 कार्ययोजनाओं में से सिर्फ 21 को ही पूरा किया है। इसमें भारत में वांटेड आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ एक्शन न लेना भी शामिल था।

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