अब करीब दो लाख नावों में लगेगा पेइस डिवाइस
अब करीब दो लाख नावों में लगेगा पेइस डिवाइस
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नई दिल्ली : भुतकाल की घटनाओं से सबक लेते हुए वर्तमान में मुंबई हमले जैसे विध्वंशक घटनाओं को रोकने के लिए करीब दो लाख नावों में पायलट ऑटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (पेइस) लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मुंबई हमले के गुनहगार समुद्र के रास्ते से भारत में घुसे थे, ऐसे में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए यह डिवाइस लगाया जा रहा है।

इस डिवाइस को लगाने से पहले दीपस्तंभ और दीपपोत महानिदेशालय ने इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। जिस यंत्र के जरिए देश की समुद्री सीमा में चलने वाली नावें नौ सेना व तटरक्षक बलों के दायरे में आ जाएंगी। पोत परिवहन मंत्रालय ने दीपस्तंभ निदेशालय को मुंबई हमले के बाद ऐसी प्रणाली विकसित करने को कहा था जिससे इन नावों को रडार पर लाया जा सके। इस ट्रांसपोंडर से नाव की लोकेशन, भारतीय समुद्र तट से नाव की दूरी की भी जानकारी मिल सकेगी।

आपातकाल में नौसेना से संपर्क साधने के लिए एक इमरजेंसी बटन भी लगाया गया है। पोरबंदर में वर्ष 2013 से जुलाई 2014 तक पायलट ट्रांसपोंडर का सफलतापूर्वक संचालन करने के बाद निदेशालय ने यह प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया है।

इस डिवाइस के बारे में महानिदेशालय के निदेशक ने सी पी सिंह ने बताया कि इससे समुद्री सीमा के 12 नॉटिकल पर नजर रखी जा सकेगी। दीपस्तंभ और दीपपोत महानिदेशालय 87 दीपस्तंभो के माध्यम से मालवाहक व बड़े जहाजों पर निगरानी रखता है। तटरक्षक बल नेशनल ऑटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के जरिए निगरानी रखते है।

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