नई दिल्ली : बजट सत्र को लेकर विपक्ष ने एक खास फॉर्मूला तैयार किया है, जिसके तहत उसने सत्ताधारी सरकार को साफ कर दिया है कि पहले वे जिन मुद्दों को उठाना चाहते है, उन पर चर्चा होगी, उसके बाद ही बिल पास होंगे। विपक्ष जवाहर लाल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी का पूर्व स्कॉलर छात्र रोहित वेमुला की हत्या का मामला, हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर हुई हिंसा और पठानकोट में हुए आतंकी हमले पर चर्चा चाहता है।
सत्र से पहले सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के तेवर तीखे नजर आए। लेफ्ट का कहना है कि सरकार सदन में पहले पूरी वस्तु स्थिति साफ करे, जिसके कारण जेएनयू मामले ने इतनी तुल पकड़ी है। कांग्रेस ने सरकार को सदन चलाने का भरोसा तो दिया लेकिन पठानकोट मामला, अरुणाचल प्रदेश का मसला, जेएनयू से लेकर पटियाला हाउस में हुई मारपीट तक से संबंधित सवालों के घेरे में घेरने के लिए भी तैयार बैठी है।
दूसरी ओर सरकार को जीएसटी से लेकर रियल स्टेट बिल समेत कई अहम बिल पास कराना है, ऐसे में पिछले सत्रों का हश्र देखकर यह एक टेढ़ी खीर सी लगती है। बैठक के दौरान विपक्ष से मिले भरोसे के बुते पर सरकार सदन को सुचारु रुप से चलाने का दावा तो कर रही है, लेकिन मन ही मन उसे भी पता है कि विपक्ष इतनी आसानी से बख्शे, यह संभव नहीं है।