राम मंदिर के लिए वृद्ध महिला ने कह डाली ऐसी बात...हैरान हो गए थे निशंक
राम मंदिर के लिए वृद्ध महिला ने कह डाली ऐसी बात...हैरान हो गए थे निशंक
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अयोध्या: राम जन्मभूमि का आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। हम रुद्रप्रयाग के पास एक गांव में आंदोलन के पक्ष में जन समर्थन जुटाने में लगे हुए थे। वहां एक ताई (वृद्धा) मेरे पास आई और कहने लगी कि राम मंदिर के लिए सबसे पहले मैं कुर्बानी दूंगी। उनका यह जोश और उत्साह देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए। वह अपने साथ महिलाओं की फौज लेकर आईं थीं। सभी महिलाएं भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए अपना कुछ न कुछ सहयोग देने के लिए कहने लगी। उन दिनों मैं उत्तरप्रदेश विधानसभा का सदस्य था। केंद्रीय नेतृत्व ने हमें पहाड़ में राम जन्मभूमि आंदोलन को जनता के मध्य ले जाने का दायित्व भी दिया। हम गांव-गांव जाते और सभाएं करते। पूरे पहाड़ में हम घूमते थे।

पुलिस हर वक्त हमें हिरासत में लेने की योजना बनाती थी। हम कभी भी एक स्थान पर नहीं रहते थे। हमें केंद्रीय नेताओं के निर्देश थे कि आंदोलन की पहली पांत में खड़े जो नेता नेतृत्व कर रहे हैं, उन्हें किसी भी हाल में हिरासत नहीं होना है। लीडरशिप की गिरफ्तारी से आंदोलन पर असर पड़ने का खतरा भी रहा। इसलिए हम वेश बदलते। कभी एक स्थान पर नहीं रहते। स्थान बदलते थे।

योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ा रहा था आंदोलन: इतना ही नहीं हम जब गांवों में जाते तो भगवान राम और अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए लोगों का जुनून देखकर हतप्रभ ही रह जाते। उनकी यह जुनून हमें आंदोलन को और अधिक सक्रिय करने की प्रेरणा भी दे रहा है। हम जानते थे कि यह आंदोलन लंबा चलने वाला है। इसलिए हम योजनाबद्ध ढंग से आंदोलन को आगे बढ़ाने में लगे हुए है। जब कार सेवक अयोध्या जाने लगे तो पुलिस ने उनकी धर-पकड़ शुरू कर दी। पुलिस हमें भी ढूंढ़ने में लगी हुई थी। लेकिन हम गुप्त ठिकानों में जाकर आगे की योजना बनाते थे। कहां सभाएं होने वाली थी, कहां आंदोलन से जुड़े लोगों को जनसंपर्क करना पड़ेगा।
 
पूरी दुनिया के लिए राम एक आदर्श पुरुष: हम इस बात को लेकर तो आश्वस्त थे कि राम जन्मभूमि पर अपना अधिकार लेने वाले है, लेकिन वहां एक दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण इतने रिकॉर्ड वक़्त में हो सकता है, इसका अंदाजा तक नहीं लग पा रहा था। आज अयोध्या में रामलला विराजमान होने वाले है। 22 जनवरी की तारीख तय हो गई थी। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम बेशक अयोध्या में होने वाला है, लेकिन समूचे राष्ट्र के करोड़ों लोग इस दिव्य दिवस के समारोह में अपने-अपने ढंग से शामिल होने वाले है। यह सच्चाई है कि पूरी दुनिया के लिए राम एक आदर्श पुरुष हैं। वह पुरुषों में उत्तम हैं। उन्हें इस रूप में देखना चाहें, उस रूप में वह प्रेरणादायी हैं।

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